पुरे महाराष्ट्र के 25 हजार किसानो ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और छह मार्च से शुरू हुए इस आंदोलन ने अब एक बड़ा स्वरुप धारण कर लिया है. किसान 12 मार्च तक छह दिन में 180 किलोमीटर की दुरी तय कर मुंबई पहुंचेंगे . किसानो ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस की सरकार के खिलाफ ये आंदोलन किया है.
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किसानो का कहना है कि स्वामीनाथन समिति की हर सिफारिश को मंजूरी दी जाये साथ ही सहायता राशि 600 करोड़ से बड़ा कर 3000 करोड़ कर दी जाये .किसानो कि मांगों में कर्ज माफ़ी की मांग भी शामिल है. जंगल की जमीन पर खेती कर रहे किसानों को जमीन का मालिकाना हक़ देना, लागत मूल्य से 50 फीसदी का मुनाफा और सिंचाई की समुचित व्यवस्था किसानों की प्रमुख मांगों में शामिल है.
गौरतलब है की इससे पहले मध्यप्रदेश, बिहार, और दिल्ली से जुड़े इलाको के किसान भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का सहारा ले चुके है. देश भर में किसान अब सड़को पर उतरने को मजबूर है और सरकार सिर्फ कागजी वादे कर रही है, देश के अन्नदाता ने इस तरह का रास्ता कभी नहीं अपनाया था मगर अब लगता है पानी सर के ऊपर चला गया है और बात किसान के बर्दास्त के बाहर हो चुकी है तभी तो दशकों से हर सितम को सहता आया किसान आज आंदोलन की राह पर है.
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