उत्तर प्रदेश में बांदा जिले में पुलिस के दो चेहरे देखने को मिले. एक तरफ अवैध वसूली की, तो दूसरी तरफ इंसानियत की. जिले के मटौंध थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी भूरागढ़ में तैनात सभी आठ पुलिसकर्मियों को बालू से भरे ओवरलोडिड ट्रकों को जाने की अनुमति देने और उनसे अवैध वसूली करने के आरोप में गुरुवार को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
पुलिस अधीक्षक शालिनी ने बताया कि मटौंध थाने की पुलिस चौकी मध्य प्रदेश की सीमा पर है, यहां एक उपनिरीक्षक के अलावा सात पुलिसकर्मी तैनात हैं. मध्य प्रदेश की बालू खदानों से रोजाना सैकड़ों की तादाद में बालू से भरे ओवरलोडिड ट्रक गुजरते हैं, लेकिन पुलिसकर्मी उनसे अवैध वसूली कर बांदा से गुजरने देते हैं. इस शिकायत मिलने के बाद कार्यवाही हुई.
चौकी प्रभारी सूबेदार सिंह और सभी सात पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है. कई बार सुधरने की चेतावनी के बाद भी पुलिसकर्मी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे थे. कई दिनों से अवैध बालू खनन बंद कराए जाने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय के अशोक लॉट पर सामाजिक कार्यकर्ता आशीष सागर दीक्षित आमरण अनशन कर रहे हैं.
जमीन में बैठ कर सुनी पीड़ित की फरियाद
वहीं, बांदा जिले के पैलानी थाना क्षेत्र के बड़ागांव में दो दिन पूर्व एक नाबालिग दलित लड़के की गांव के दबंगों ने बुरी तरह पिटाई की जिससे वह न ही चल पा रहा है और न ही बैठ पा रहा है. अधमरे लड़के के परिजन अस्पताल से उसे पुलिस अधीक्षक कार्यालय ले गए और जमीन पर लिटा दिया. सीओ ने संवेदनशीलता दिखाई. जमीन पर ही बैठ कर उसकी फरियाद सुनी.
दो दिन पहले बड़ागांव का रहने वाला नाबालिग दलित लड़का देवानंद (14) जंगल में अपनी बकरी चराने गया था. पड़ोसी गांव के एक दबंग ने लाठियों से बेकसूर लड़के को इतना पीटा कि उसके हाथ-पैर के अलावा रीढ़ की हड्डी भी टूट गई. जिला चिकित्सालय में प्लॉस्टर चढ़वाने के बाद बुधवार को उसे लेकर परिजन पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. जमीन पर लिटा दिया.
हालांकि एसपी शालिनी उस समय वहां मौजूद नहीं थीं लेकिन नगर पुलिस क्षेत्राधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने खुद जमीन पर बैठ कर घायल लड़के और उसके परिजनों की फरियाद सुनी. सीओ ने बताया कि ‘मामले में पैलानी थाने में आईपीसी की धारा-323, 504 व 506 के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.