एमसीडी पर लैंडफिल साइट और एनडीएमसी पर कूड़ा प्रबंधन पड़ा भारी

स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में दिल्ली के नगरीय निकायों का प्रदर्शन बेशक पिछले साल से बेहतर हुआ है, लेकिन एमसीडी पर लैंडफिल साइट और एनडीएमसी पर कूड़ा प्रबंधन भारी पड़ा है। दोनों निकाय इन पैमानों पर बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। कूड़े का पहाड़ खत्म करने की दिशा में एमसीडी की कोशिशों को सिर्फ 38 फीसदी अंक मिले हैं, जबकि, एनडीएमसी मौके पर कूड़े के स्रोत के पृथक्करण में पीछे रही है। इसमें यह 87 फीसदी अंक ही हासिल कर सकी है। इसका असर दोनों निकायों के समग्र प्रदर्शन पर पड़ा है। एक लाख से ऊपर वाली आबादी वाले शहरों में एनडीएमसी को नौवें और एमसीडी को 90वें स्थान पर संतोष करना पड़ा।

दरअसल, आठ पैमानों पर स्वच्छ भारत सर्वेक्षण किया गया है। इसमें घर-घर कूड़े का कलेक्शन, कूड़े के स्रोत पर पृथक्करण, कचरा प्रसंस्करण, डंपिंग साइट का प्रबंधन, आवासीय क्षेत्र, बाजार, जल स्रोत व सार्वजनिक शौचालयों की सफाई शामिल है। इसमें से अपने रिपोर्ट कार्ड में एनडीएमसी चार पैमानों में 100 फीसदी अंक हासिल करने में कामयाब रही। वहीं, एमसीडी को सिर्फ दो में ही 100 फीसदी अंक मिले। दिलचस्प यह कि एमसीडी को कूड़े के पृथक्करण पर 100 फीसदी अंक हासिल हुए, जबकि एनडीएमसी इसमें 87 फीसदी अंक ही पा सकी।

जानकारों का मानना है कि बेहतर प्रर्दशन का दबाव एमसीडी के साथ ज्यादा है। वह इसलिए भी कि एमसीडी पर सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) का पहला वादा ही कूड़े के पहाड़ खत्म करने का था। हालांकि, अभी आप को सत्ता हासिल किए एक साल भी नहीं बीते हैं, इस लिहाज से अभी सुधार की उम्मीद बनी हुई है। लैंडफिल साइट खत्म करने की दिशा में किया गया बेहतर प्रदर्शन एमसीडी की रैंकिंग में सुधार ला सकता है।

एनडीएमसी का रिपोर्ट कार्ड

  • घर-घर से कूड़े का कलेक्शन : 99 फीसदी
  • कूड़े का सेग्रीगेशन : 87 फीसदी
  • कचरा प्रसंस्करण: 100 फीसदी
  • डंपिग साइट का प्रबंधन: 100 फीसदी
  • आवासीय क्षेत्र की सफाई : 93 फीसदी
  • बाजार क्षेत्र की सफाई : 93 फीसदी
  • जल स्रोतों की सफाई : 100 फीसदी
  • सार्वजनिक शौचालयों की सफाई : 100 फीसदी

एमसीडी का रिपोर्ट कार्ड

  • घर-घर से कूड़े का कलेक्शन : 71 फीसदी
  • कूड़े का सेग्रीगेशन: 100 फीसदी
  • कचरा प्रसंस्करण : 86 फीसदी
  • डंपिग साइट का प्रबंधन : 38 फीसदी
  • आवासीय क्षेत्र की सफाई : 59 फीसदी
  • बाजार क्षेत्र की सफाई : 59 फीसदी
  • जल स्रोतों की सफाई : 100 फीसदी
  • सार्वजनिक शौचालयों की सफाई : 97 फीसदी
  • एमसीडी के 15 फीसदी अंक बढ़े

अंकों के मामले में पिछली बार के मुकाबले स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार दोनों निकायों को अधिक अंक मिले हैं। एमसीडी ने 15 फीसदी ज्यादा अंक हासिल किए है। पिछले साल एमसीडी को 7,500 में से 3,784 यानी 50.45 फीसदी अंक मिले थे, लेकिन इस बार 9,500 में से 6,114 यानी 64.36 फीसदी अंक मिले हैं। वहीं, एनडीएमसी पिछले साल 6,550 और इस साल 8,728 अंक हासिल करने में कामयाब रही है।

छावनी बोर्ड का प्रदर्शन दो अंक नीचे गिरा
छावनी बोर्ड के प्रदर्शन में इस साल दो पायदान की गिरावट आई है। पिछले साल के स्वच्छ सर्वेक्षण में देशभर के छावनी बोर्ड में दिल्ली छावनी बोर्ड को पांचवां स्थान मिला था। वहीं, इस बार बोर्ड को सातवां स्थान मिला है। हालांकि, ओवरआल अंकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल दिल्ली छावनी बोर्ड को 4,029 अंक मिले थे, जबकि इस बार 5,072 अंक मिले हैं।

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