टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया ने फ्लाइट सर्विस (उड़ान सेवा) को छोड़कर दूसरे कार्यों से जुड़े कम से कम पांच साल तक की सेवा वाले स्थायी कर्मचारियों के लिए वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) पेश की है। साथ ही कंपनी के साथ पांच साल से कम समय से काम कर रहे कर्मचारियों के लिए वॉलंटरी सेपरेशन स्कीम (VSS) लाई गई है। विस्तारा के साथ मर्जर (विलय) से पहले यह कदम उठाया गया है। सूत्रों ने कहा कि वीआरएस योजना उन कर्मचारियों के लिए है, जिन्होंने कंपनी में पांच साल की सेवा पूरी कर ली है।
योजनाएं 17 जुलाई से हो गई हैं शुरू
वहीं स्वैच्छिक पृथक्करण योजना की पेशकश एयरलाइन में पांच साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों के लिए की गई है। एयर इंडिया ने योजनाओं की पुष्टि कर दी है। हालांकि, इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है। दोनों योजनाएं 17 जुलाई को शुरू की गई। संबंधित कर्मचारियों को वीआरएस/वीएसएस के लिए अप्लाई करने के लिए एक महीने का समय दिया गया। ढाई साल पहले कंपनी के प्राइवेटाइजेशन के बाद से यह तीसरा मौका है जबकि एयर इंडिया अपने स्थायी कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लेकर आई है। टाटा समूह ने जनवरी, 2022 में एयर इंडिया की कमान संभाली थी।
मर्जर का असर 600 से ज्यादा कर्मचारियों पर होगा
एयर इंडिया और विस्तारा का मर्जर होना है। ऐसे में दोनों एयरलाइंस के करीब 600 कर्मचारियों पर इसका असर देखने को मिल सकता है। घाटे में चल रही इन दोनों एयरलाइन कंपनियों का स्वामित्व टाटा समूह के पास है। इनके कर्मचारियों की संख्या कुल मिलाकर 23,000 से अधिक है। सरकार से अधिग्रहण के बाद टाटा समूह अपने विमानन कारोबार को मजबूत करने के लिए अपनी एयरलाइंस के मर्जर की योजना पर काम रहा है। विलय की प्रक्रिया सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में पूरा होने की उम्मीद है।