नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान एयर इंडिया द्वारा साल 2004 से 2008 के बीच 111 विमानों की ‘अनावश्यक’ खरीद तथा पट्टे पर लेने के मामले की जांच करने को कहा है। यह सौदा 67,000 करोड़ रुपये का था। गैर सरकार संगठन (एनजीओ) सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (एसपीआईएल) ने निजी विमानन कंपनियों को सरकारी खर्च पर द्विपक्षीय मार्गो के आवंटन सहित कई आरोप लगाए हैं।
जिस वक्त विमान को खरीदा गया तथा पट्टे पर लिया गया था, उस वक्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल नागरिक उड्डयन मंत्री थे।
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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति एन.वी.रमन्ना तथा न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर सीबीआई जांच से याचिकाकर्ता संतुष्ट नहीं होता है, तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है।
सीबीआई पहले से ही मामले की जांच कर रही है और 27 फरवरी, 2013 को मामला दर्ज किया था।
याचिकाकर्ता संगठन सीपीआईएल के वकील ने न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की थी। लेकिन न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि अगर वही (संप्रग) सरकार सत्ता में होती तो इसकी अहमियत समझी जा सकती थी।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “जब सरकार अलग है, तो सत्ता में पार्टी भी अलग है। हमें अपनी जांच एजेंसी पर भरोसा करना चाहिए।”