थाने में फरियादियों के साथ बदसलूकी से पेश आने वाले देवरिया जिले के रुद्रपुर के कोतवाल सीपी जैसल को क्राइम मी¨टग के दौरान देवरिया के एसपी रोहन पी कनय ने लाइन हाजिर कर दिया। एसपी ने बाकायदा प्रोजेक्टर के माध्यम से पर्दे पर रुद्रपुर कोतवाल का एक ट्रेलर भी दिखवाया जिसमें वह महिला फरियादी को फटकार लगा रहे थे। बताया जा रहा है कि शिकायत के बाद एसपी की पहल पर किसी विभागीय ने यह वीडियो तैयार किया था।
कुछ दिन पहले रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र की एक महिला ने एसपी से शिकायत की थी कि उनकी बेटी घर से गायब है, तहरीर देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। ऊपर से उन्हें थाने में फटकार भी लगाई जा रही है। एसपी रोहन पी. कनय ने मामले को गंभीरता से लिया और उनके निर्देश पर महिला रुद्रपुर कोतवाली पहुंची जहां निरीक्षक सीपी जैसल महिला को देखकर बिफर पड़े। कड़े लहजे में महिला को फटकार लगाते हुए प्रभारी निरीक्षक ने उन्हें सीओ के पास जाने की सलाह दे डाली। मी¨टग में एसपी ने प्रभारी निरीक्षक के दुर्व्यवहार का वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से पर्दे पर चलवा दिया। यह देख थानेदार समेत अन्य अधिकारी सकते में आ गए। इसके बाद रुद्रपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक से सीयूजी जमा कराकर क्राइम मी¨टग से बाहर कर दिया। इसके बाद उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया। उन्होंने थाने में फरियादियों के साथ अच्छे से पेश आने का आदेश भी दिया।
बैठक में एसपी ने हत्या, लूट और चोरी की घटनाओं को पर्दाफाश करने का निर्देश दिया। जन शिकायती, आइजीआरएस के प्रार्थना पत्रों को त्वरित गति से निस्तारण करने पर जोर दिया गया। ग्रामीण इलाकों में पैदल गश्त, साइबर अपराध रोकने के लिए प्रचार प्रसार, गुंडा, गैंगेस्टर की कार्रवाई और वांछितों की गिरफ्तारी में तेजी लाने का निर्देश दिया। सराहनीय कार्य के लिए स्वाट टीम को प्रोत्साहित किया गया। क्राइम मी¨टग में एएसपी उत्तरी गणेश साहा, सीओ सीताराम, बृजेंद्र राय, वरुण मिश्र, दयाराम ¨सह, पीआरओ नवीन चौधरी, प्रधान लिपिक भुनेश राय, आरआइ संदीप कुमार राय के अलावा सभी थानेदार व निरीक्षक मौजूद रहे।
कोर्ट के आदेश पर शहर कोतवाल पर मुकदमा
देवरिया के अपर सत्र न्यायाधीश राकेश त्रिपाठी की अदालत ने शहर कोतवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सदर कोतवाली में हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायालय में गवाही चल रही है। हत्या में प्रयुक्त हथियार व घटनास्थल पर बरामद सामान बार-बार तलब किए जाने पर भी शहर कोतवाल पेश नहीं कर पाए, जबकि हत्या के मामले को उच्च न्यायालय ने आठ माह के अंदर निस्तारित करने का आदेश दिया है। 25 जुलाई को प्रभारी निरीक्षक को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया था। उस दिन कोतवाल ने अगली तिथि की याचना कर बताया कि हथियार व अन्य सामान हेड मुहर्रिर मालखाना के चार्ज में मिला नहीं है। ऐसी स्थिति में माल की तलाश किए जाने के लिए और समय दिया जाए। अदालत ने प्रभारी निरीक्षक के अनुरोध पर सात अगस्त की तिथि नियत करते हुए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर बरामद सामान अदालत में पेश किए जाने का निर्देश दिया था।
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