नई दिल्ली| एक तरफ पीएम मोदी देश को पूरी तरह से कैश लेस बनाने का सपना देख रहे हैं तो वहीँ दूसरी तरफ बैंकिंग सेक्टर अपने ग्राहकों को एक बाद एक नया झटका देते जा रहे हैं| हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने खातों में मिनिमम बैलेंस की राशि में काफी बढ़ोतरी कर दी| उसके बाद ATM से निकासी पर भी चार्ज लागू कर दिया| इन सबके बावजूद SBI ने अब चेक से लेन देन करने वाले ग्राहकों पर एक नया प्रहार किया है|
आपको बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक इकाई “एसबीआई कार्ड” ने पहली बार चेक से भुगतान किए जाने पर चार्ज वसूलने का फैसला किया है। एसबीआई कार्ड कंपनी अब से 2,000 रुपये से कम के चेक पेमेंट पर 100 रुपये का शुल्क वसूलेगी।
एसबीआई कार्ड के एमडी और सीईओ विजय जसुजा ने बताया, ‘पेमेंट की तारीख नजदीक आने पर ड्रॉप बॉक्स में बड़ी संख्या में चेक डाले जा रहे हैं। इससे लेट पेमेंट चार्ज को लेकर विवाद होता रहा है। हमने गहन विश्लेषण किया। ऐसा संभव नहीं है कि बैंक हर महीने चेक कलेक्शन में गलती करे।’ ऐसे विवाद निपटाने के लिए बैंक ने चेक पेमेंट्स का चलन खत्म करने की दिशा में कदम उठाया है।
एसबीआई कार्ड देश की अकेली ऐसी संस्था है जो बैंक नहीं है और फाइनैंस कंपनी के रूप में पंजीकृत है। इस वजह से यह क्लियरिंग के लिए चेक कलेक्ट करने और डिपॉजिट करने पर चार्ज वसूलता है। जसूजा के मुताबिक, 92 प्रतिशत कार्डधारक अपने बिल चेक से नहीं भरते।
नया शुल्क वैसे एसबीआई खाताधारकों पर लागू नहीं होगा जो काउंटरों पर जाकर चेक पेमेंट करते हैं क्योंकि ऐसे मामलों में चेक को क्लियरिंग के लिए नहीं भेजा जाता, बल्कि इंटरबैंक ट्रांसफर के जरिए पेमेंट हो जाता है। हालांकि, दूसरे बैंकों के चेक एसबीआई शाखाओं के काउंटरों पर जमा करने पर भी फी देना होगा।
जसूजा ने कहा, ‘चेक से पेमेंट करनेवाले कुल 8 प्रतिशत लोगों में 6 प्रतिशत के बिल 2,000 रुपये से ज्यादा होते हैं। ऐसे में सिर्फ 2 प्रतिशत लोगों को ही शुल्क देना पड़ रहा है।’
उन्होंने कहा कि कंपनी चेक पेमेंट का चलन कम कर रही है और ऑनलाइन पेमेंट वालों को ज्यादा से ज्यादा रिवॉर्ड पॉइंट्स दे रही है। एसबीआई कार्ड्स के मुताबिक बिल पेमेंट्स के 14 तरीके हैं, लेकिन ज्यादातर के लिए मोबाइल या डेस्कटॉप पर इंटरनेट की जरूरत पड़ती है।
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