विदुर महाराज महाभारत काल के सबसे लोकप्रिय पात्रों में से एक हैं। कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण भी महाराज विदुर की बुद्धिमत्ता के कायल थे। विदुर महाराज से हस्तिनापुर के हित में भी कई अहम फैसले लिए थे। महाराज विदुर ने विदुर नीति में जीवन से जुड़े कई पहलुओं की समस्याओं का हल बताया है। विदुर ने विदुर नीति में बताया है कि आखिर कौन से लोग ज्ञानी कहलाते हैं।

कहते हैं कि एक राजा धृतराष्ट्र ने विदुर जी से प्रश्न किया कि ज्ञानी कौन हैं। इस पर विदुर जी ने कहा कि महाराज, जो लोग दुर्लभ चीजों को पाने की इच्छा नहीं रखते, नाशवान वस्तु के विषय में शोक नहीं करते और मुश्किल समय में घबराते नहीं बल्कि उसका बहादुरी से सामना करते हैं। ऐसे लोग ज्ञानी कहलाते हैं।
विदुर जी ने आगे कहा कि जो व्यक्ति अपने कार्य को पूरा उत्साह से आरंभ करता है। बिना रूके उसे परिणाम तक पहुंचाता है और मन पर कंट्रोल रखता है, ऐसे लोग ज्ञानी होते हैं। विदुर जी ने आगे कहा कि जिसे सम्मान पाकर भी अहंकार न हो और अपमान होने पर परेशान नहीं होते और उनके अंदर समुद्र की गहराई के बराबर गंभीर हो ऐसे लोग ज्ञानी होते हैं।
स्वार्थी व्यक्ति नहीं बांटता ये चीजें-
विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति स्वार्थी होता है वह कीमती वस्त्र, सुख-सुविधाओं वाली चीजों को नहीं बांटता है। विदुर जी कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति से हमेशा सावधान रहना चाहिए। ज्ञानी और श्रेष्ठ पुरुष वही है जो वस्त्र, भोजन और अन्य चीजें मिल बांटकर उपभोग करता है।
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