आयुक्त रेल संरक्षा (सीआरएस) शैलेष पाठक का कहना है कि अभी तक उन्हें लखनऊ मेट्रो की तरफ से कोई आवेदन ही नहीं मिला है। ऐसे में सीएमआरएस के निरीक्षण की तारीख तय करने का कोई औचित्य ही नहीं है।
सीएमआरएस का निरीक्षण तय करने से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक केवल रॉलिंग स्टॉक के ट्रायल की रिपोर्ट ही उन्हें मिली है। इस रिपोर्ट को अनुमति के लिए रेलवे बोर्ड भेजा जा चुका है।
इसके बाद लखनऊ मेट्रो को अपने कॉमर्शियल रन के लिए प्रस्तावित रूट पर काम पूरा कर उसकी सूचना एक फॉर्म में भरकर देनी थी। इस सूचना के मिलने के बाद ही सीएमआरएस का निरीक्षण कराया जा सकता है।
अभी तक यह सूचना आवेदन के लिए बने फॉर्म में मिल नहीं सकी है।
वहीं इस बारे में लखनऊ मेट्रो के पीआरओ अमित कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि सीएमआरएस निरीक्षण के लिए आवेदन पूरी सूचना के साथ भेजा जा चुका है। जो भ्रम है, उसे दिखवा लिया जाएगा।