कम्प्यूटर्स, मोबाइल्स और लैपटॉप्स पर गेम खेलना किसे पसंद नहीं है? इन गेम्स की खूबी ही यह है कि एक बार इन्हें खेलने के बाद कोई भी खुद को दोबारा खेलने से रोक नहीं पाता। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि इतने रोचक और रोमांचक गेम्स को डिजाइन कौन करता है? इन गेमिंग सॉफ्टवेयर्स को गेम डेवलपर्स डिजाइन करते हैं। अगर आप भी क्रिएटिविटी के साथ अपनी टेक्निकल स्किल्स को शार्प करना चाहते हैं, तो गेम डिजाइनिंग में करियर बना सकते हैं।
दुनियाभर में कम्प्यूटर और मोबाइल की बढ़ती मांग के कारण वीडियो गेम्स के प्रति लोगों का क्रेज तो बढ़ा ही है, इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के कारण भी ऑनलाइन गेम्स खेलने वालों की संख्या बढ़ी है। आलम यह है कि आज गेमिंग सेग्मेंट एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सेग्मेंट बन चुका है। यही कारण है कि युवाओं का रुझान गेमिंग इंडस्ट्री में करियर बनाने की ओर बढ़ रहा है। अगर आपको भी गेम्स पसंद हैं और नई टेक्नोलॉजी को जानने
व उसे विकसित करने की क्षमता है, तो गेम डिजाइनिंग आपके लिए आदर्श फील्ड है।
क्या है गेम डिजाइनिंग?
गेम डिजाइन करना एक लंबी और बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमें टीम के प्रोफेशनल्स अपनी क्रिएटिव और टेक्निकल स्किल्स के जरिए गेमिंग सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं। गेम डेवलपमेंट में कई प्रक्रियाएं शामिल होती हैं,
जैसे कॉन्सेप्ट की आउटलाइनिंग करना, रूल्स और प्रिंसिपल्स का डॉक्यूमेंटेशन, ग्राफिक्स डेवलपमेंट आदि। अब नई तकनीक के चलते वीडियो गेम्स भी 3डी प्लेटफॉर्म पर डिजाइन किए जाने लगे हैं।
जरूरी कोर्स
इस फील्ड में करियर बनाने के लिए इंटर में कम्प्यूटर विषय लें। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए बीसीए, एमसीए या इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक या बीई करें। ग्रेजुएशन के बाद आप डिप्लोमा इन गेम डिजाइन एंड गेमिंग, वीडियो गेम डिजाइन एंड डेवलपमेंट सर्टिफिकेशन, एडवांस्ड डिप्लोमा इन गेम डिजाइन जैसे कोर्स कर सकते हैं। आप 2डी और 3डी दोनों में से कोई भी एक प्लेटफॉर्म चुन सकते हैं और उसके बाद उससे जुड़ी एप्लिकेशंस पर काम कर सकते हैं।
वर्क प्रोफाइल
गेम डिजाइनिंग में कई स्टेप्स पर काम होता है। इसके शुरुआती चरण में आर्ट्स डिजाइनिंग व क्रिएशन पर काम किया जाता है। इसके बाद कॉम्प्रिहेन्सिव स्टोरी लाइन तैयार की जाती है, जिसमें स्क्रिप्टिंग, कैरेक्टर स्केचिंग
व ऑब्जेक्ट्स, लेवल्स और बैकग्रांउड डिजाइनिंग शामिल हैं। इसके बाद कम्प्यूटर पर इसकी त्रि-आयामी (3 डी) डिजाइन तैयार की जाती है। इस स्टेज में डिजाइनर्स को कैरेक्र्ट्स के फेशियल एक्सप्रेशंस व फीचर्स पर खास ध्यान देना होता है। इसके बाद साउंड एफेक्ट्स, वीडियो रिकॉर्डिंग्स और बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार किया जाता है। इसके बाद प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की मदद से गेमिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है।
वांछित स्किल्स
जहां तक स्किल्स का सवाल है, सबसे पहली जरूरत तो यह है कि आपको वीडियो गेम्स पसंद होने चाहिए। इसके अलावा आपका इनोवेटिव, क्रिएटिव, सिस्टेमैटिक और काम के लिए समर्पित होना बहुत जरूरी है। आपके
पास कॉमन गेम मैकेनिक्स और गेम प्ले थ्योरी की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। आपको स्केचिंग, ड्रॉइंग, मनुष्यों, पशुओं व पक्षियों की एनॉटमी तथा उनके बॉडी मूवमेंट्स की जानकारी और लाइटिंग इफेक्ट्स के बारे में भी पता होना चाहिए।
भविष्य की संभावनाएं
आप बड़े गेमिंग ऑर्गनाइजेशंस में बतौर गेम डेवलपर, गेम डिजाइनर, गेम आर्टिस्ट, गेम एंड नेटवर्क प्रोग्रामर,
स्क्रिप्ट राइटर व गेम टेस्टर काम कर सकते हैं। ट्रेनी के तौर पर आपकी सैलरी 10,000 रुपए के आसपास होगी,
जो अनुभव के साथ 80,000 रुपए तक पहुंच सकती है।
प्रमुख संस्थान
इंडियन स्कूल ऑफ गेमिंग
जी इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव आर्ट्स
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गेमिंग एंड एनिमेशन
माया अकेडमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमेटिक्स
ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ गेमिंग एंड एनिमेशन
आईसीएटी डिजाइन एंड मीडिया कॉलेज
पिकासो एनिमेशन कॉलेज