बीते शुक्रवार को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक नंबर ने हड़कंप मचाकर रख दिया। एंड्रॉयड यूजर्स के फोन बुक में यूआईडीएआई का एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर नजर आने लगा था। इस पर यूआईडीएआई का कहना था कि यह नंबर (1800-300-1947) गलत और आउटडेटेड है और उनका नया टोल फ्री नंबर 1947 है, जो पिछले दो साल से काम कर रहा है। इस नंबर को लेकर जारी कन्फ्यूजन के बीच गूगल ने भी माफी मांग ली और कहा कि वो एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम से ये नंबर हटाना भूल गए थे। एक जानकारी में यह बात भी सामने आई कि जिन यूजर्स की फोनबुक गूगल से सिंक थी। इस बीच आधार की सिक्योरिटी और उससे जुड़े जोखिम की चिंताएं एक बार फिर से गहरा गई हैं। अगर आप भी आधार से जुड़ी इसी तरह की समस्या को लेकर परेशान हैं तो जाहिर तौर पर यह खबर आपके काम की है।
आपकी फोनबुक में यूआईडीएआई के एक नंबर का सेव होना भला जोखिमभरा कैसे?
जानकार बताते हैं कि अगर कोई आपकी मोबाइल फोन बुक तक पहुंच सकता है तो आसानी से आपकी प्रोफाइलिंग की जा सकती है और आपको ट्रैक भी। आपकी फोनबुक में मात्र एक नंबर भर सेव हो जाने से कोई भी कंपनी आपकी लोकेशन, गतिविधियों, पसंद-नापसंद, विचारधारा और धार्मिक पहचान के बारे में आसानी से जान सकती है।
खैर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है हम अपनी इस खबर के माध्यम से जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं कि आप कैसे अपने आधार के हो रहे दुरुपयोग के बारे में जान सकते हैं और साथ ही आप कैसे अपने आधार के मिसयूज को रोक सकते हैं।
ऐसे चेक करें अपने आधार कार्ड का दुरुपयोग:–
- इसके लिए आपको uidai. Gov.in पर लॉग इन करना होगा। होम पेज पर ही आपको आधार ऑनलाइन सर्विस के आधार सर्विस सेक्शन में नीचे की ओर आपको आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री का विकल्प दिखेगा। इस पर क्लिक करें।
- यहां आपको एक ऑप्शन दिखेगा जिस पर आपको अपना आधार डालना होगा। यहां पर सिक्योरिटी कोड का ऑप्शन दिखेगा, इसे एंटर करें और फिर सेंड ओटीपी पर क्लिक करें।
- ऐसा करते ही आप एक नए पेज पर पहुंच जाएंगे और आपके आधार नंबर से लिंक मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। नए पेज पर आपसे ऑथेंटिकेशन टाइप पूछा जाएगा। इस बॉक्स के ड्रॉप डाउन में जाकर आप डेमोग्राफिक, बायोमेट्रिक, ऑल जैसे ऑप्शन्स में से AII को चुन लीजिए। इसके नीचे तारीख सिलेक्ट पर आप जब तक की हिस्ट्री देखना चाहते हैं उसे सेलेक्ट कर लें। यहां आपको नंबर ऑफ रिकॉर्ड्स का चयन करना होगा। इतना करते ही आधार से इस्तेमाल से जुड़ी सारी हिस्ट्री आपके सामने होगी। अगर आपको यहां कोई ऐसी ऑथेंटिकेशन दिखती है जिसे आपने नहीं किया है तो आप उसकी शिकायत भी कर सकते हैं।
कहां करें शिकायत?
आप अपने आधार से जुड़ी किसी भी जानकारी से संबंधित शिकायत 1947 नंबर डॉयल करके कर सकते हैं। आप इस पर रविवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक और सोमवार से शनिवार तक सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
आप ऐसे रोक सकते हैं मिसयूज?
अगर आप चाहते हैं कि आपका आधार और इससे जुड़ी जानकारियों का मिसयूज न हो तो आप वर्चुअल आईडी को जेनरेट कर सकते हैं। यह 16 अंकों का एक तरह का अस्थायी नंबर होता है। आप इसे जितनी बार चाहे जेनरेट कर सकते हैं। आप इसे जब तक बदलेंगे नहीं यह तब तक वैलिड रहेगा। अगर आपको लगता है कि आपके किसी दोस्त ने आपसे धोखे से इसकी जानकारी ले ली है तो इसे तुरंत बदल लें। आप सेफ रहेंगे।
जानें कैसे जेनरेट करें VID: आधार धारकों की सुरक्षा के मद्देनजर UIDAI ने Virtual ID जारी कर दी है। इसे आधार धारक UIDAI की वेबसाइट से जनरेट कर सकते हैं। यह 16 डिजिट का नंबर है जिसे आधार के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
जानिए कैसे कर सकते हैं इसे जनरेट
– UIDAI के होम पेज पर आधार सर्विसेज के अंदर VID जनरेटर पर जाएं।
– अपना आधार नंबर, सिक्योरिटी कोड एंटर करें। इसके बाद सेंड ओटीपी पर क्लिक करें। आपको UIDAI साथ रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आ जाएगा।
– ओटीपी को एंटर करें। इसके बाद आपके पास VID यानि की वर्चुअल आईडी जनरेट करने का विकल्प आएगा। इसके अलावा अगर आपने पहले से आईडी जनरेट किया हुआ है तो उस आईडी का भी पता इसी तरह से लगाया जा सकता है। इसके बाद सब्मिट करें। सब्मिट करने पर आपको मोबाइल नंबर पर वर्चुअल आईडी मिल जाएगा।