दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रैक में शामिल ऑडेंस कॉल-केदारनाथ ट्रैक के लिए 13 सदस्यीय ट्रैकरों का दल गंगोत्री से रवाना हुआ। दल में रुद्रप्रयाग के शिक्षक नवीन जोंटी सजवाण भी शामिल हैं।
बुधवार को स्थानीय माउंटेनियरिंग व ट्रैकिंग कंपनी माउंट हाइ विंड के सहयोग से ऑडेंस कॉल-केदारनाथ (5490 मीटर) के लिए ट्रैकरों का दल रवाना हुआ। दल में रुद्रप्रयाग जनपद के बसुकेदार निवासी नवीन जोंटी सजवाण के साथ ही राजीव कुमार, दिलीप खांडेलवाल, दिलीप नाज़कानी, सुबीर मुखर्जी, मुकेश वर्मा, अविनिन्दर सिंह, संतोष मोर्ये आदि शामिल हैं। वहीं, कपिल सिंह गाइड हैं।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग के शौकीन शिक्षक नवीन जोंटी सजवाण इससे पहले दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रों में शामिल कालिन्दी खाल व हिमाचल प्रदेश की यूनाम चोटी को भी फतह कर चुके हैं। नवीन जोंटी सजवाण ने बताया कि 5 जून को गंगोत्री धाम से रवाना हुए दल का लक्ष्य 17 जून तक ट्रैक रूट को पार कर केदारनाथ पहुंचने का है। उत्तरकाशी जिले में ऑडेंस कॉल ट्रैक गंगोत्री धाम और केदारनाथ धाम को जोड़ता है।
1935 में जॉन बिकनेल ऑडेन ने की थी खोज
ऑडेन्स कॉल रुद्रगैरा घाटी और भिलंगना घाटी को जोड़ने वाला एक दर्रा है, जिसका नाम ब्रिटिश भौगोलिक सर्वेक्षण अधिकारी जॉन बिकनेल ऑडेन के नाम पर रखा गया है। जिन्होंने पहली बार 1935 में इसकी खोज की थी और 1939 में इसे पार किया था। यह दर्रा 5490 मीटर की ऊंचाई पर है और उत्तर-पश्चिम में गंगोत्री तृतीय (6580 मीटर) चोटी से आने वाली पर्वत शृंखला और पूर्व में जोगिन प्रथम (6465 मीटर) से आने वाली पर्वत शृंखला को जोड़ता है। लगभग 100 किमी लंबे इस ट्रैक में रोमांच से भरपूर ख़तरनाक खतलिंग ग्लेशियर व मयाली दर्रे को पार करना चुनौतीपूर्ण व जोखिम भरा माना जाता है।
ऑडेन्स कॉल रुद्रगैरा घाटी और भिलंगना घाटी को जोड़ने वाला एक दर्रा है, जिसका नाम ब्रिटिश भौगोलिक सर्वेक्षण अधिकारी जॉन बिकनेल ऑडेन के नाम पर रखा गया है। जिन्होंने पहली बार 1935 में इसकी खोज की थी और 1939 में इसे पार किया था। यह दर्रा 5490 मीटर की ऊंचाई पर है और उत्तर-पश्चिम में गंगोत्री तृतीय (6580 मीटर) चोटी से आने वाली पर्वत शृंखला और पूर्व में जोगिन प्रथम (6465 मीटर) से आने वाली पर्वत शृंखला को जोड़ता है। लगभग 100 किमी लंबे इस ट्रैक में रोमांच से भरपूर ख़तरनाक खतलिंग ग्लेशियर व मयाली दर्रे को पार करना चुनौतीपूर्ण व जोखिम भरा माना जाता है।
गंगोत्री से पहुंचते हैं गौरीकुंड
इस ट्रैक मार्ग पर ट्रैकर गंगोत्री समूह, जोगिन समूह, भागीरथी समूह, केदार डोम, रुद्रगैरा की सुंदर व बर्फीली चोटियों के दर्शन करते हुए सूखा ताल, ऑडेन्स कॉल, खतलिंग ग्लेशियर, मासर ताल, मयाली पास व वासुकीताल होते हुए केदारनाथ (गौरीकुंड) पहुंचते हैं।
इस ट्रैक मार्ग पर ट्रैकर गंगोत्री समूह, जोगिन समूह, भागीरथी समूह, केदार डोम, रुद्रगैरा की सुंदर व बर्फीली चोटियों के दर्शन करते हुए सूखा ताल, ऑडेन्स कॉल, खतलिंग ग्लेशियर, मासर ताल, मयाली पास व वासुकीताल होते हुए केदारनाथ (गौरीकुंड) पहुंचते हैं।