ऑपरेशन सिंदूर से सीजफायर तक: आतंक की कमर और पाकिस्तान का तोड़ा मनोबल

भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल सीजफायर की घोषणा हो गई। तो पहला सवाल यही पूछा जाएगा कि भारत ने सात मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से तीन दिनों के युद्ध में क्या पाया और क्या खोया। जाहिर तौर पर कुछ खोया- सीमा पर लगे शहरों और गावों में कुछ नागरिकों की जानें खोई जो बहुत दुखद है। लेकिन एक देश के रूप में जो पाया है वह बहुत बड़ा है।
भारत ने यह संकल्प दोहरा दिया है कि जिस तरह सौ किलोमीटर अंदर तक घुसकर अभी मारा है, अगर पोषित आतंकवाद नहीं रुका तो फिर मारेंगे। यानी आतंकवाद के मुद्दे पर एक न्यू नार्मल तय कर दिया है।
सीजफायर की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही सरकार की ओर से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि- भविष्य में आतंकवाद की घटना को युद्ध समान माना जाएगा और उसी अनुरूप कार्रवाई होगी।

यह पूरे विश्व के लिए भी संदेश था कि विदेशी धरती से पोषित आतंक को भारत अब नहीं सहेगा। यानी सीजफायर की घोषणा से पहले सरकार ने अपनी शर्त जाहिर कर दी। भविष्य में भी पाकिस्तान से आतंकवाद बड़ा मुद्दा रहेगा।
यह भी ध्यान रहे कि सिंधु जल समझौता अभी निलंबित है जो किसी भी मध्यस्थता से परे हैं। अब अगर नए तरीके से वार्ता होती भी है तो भारत अपने हितों को साधेगा।

सौ से अधिक आतंकी मारे गए गए
पहलगाम की दर्दनाक घटना के बाद जब देश टकटकी लगाए यह देख रहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं। छह-सात मई की रात भारतीय सैनिकों ने वह कर दिखाया था जो सचमुच अकल्पनीय था। जो दिखा वह था दृढ़ संकल्प, सटीक रणनीति, कुशल नेतृत्व। पाकिस्तान के अंदर नौ स्थानों पर मिसाइलों की कतार लगा दी थी। सौ से अधिक आतंकी मारे गए गए जिसमें कई भारत के वाटेंड थे।

संवाद के साथ सही रणनीति
भारत इससे आगे बढ़ने वाला नहीं था लेकिन पाकिस्तान के उकसावे के कारण युद्ध जैसी स्थिति में कूदना पड़ा। यह तय है कि युद्ध रुकते ही अब देश के अंदर राजनीतिक जंग शुरू होने वाली है। विपक्ष की ओर से कई सवाल पूछे जाने वाले हैं। पर तीन दिनों के युद्ध में जो स्पष्ट दिखा वह यह था कि प्रधानमंत्री मोदी सामने से लीड करते दिखे। अपने सहयोगियों के साथ लगातार संवाद के साथ सही रणनीति बनाते रहे और सबसे बड़ी बात सेना के पीछे चट्टान की तरह खड़े रहे।

भारत आतंकवाद के खिलाफ
आतंकवाद को बड़ा मुद्दा बनाया और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर यही संदेश दिया गया भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने सेना को भी स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की ओर से भारत में नागरिक स्थलों पर हो रहे हमले के बावजूद भारत जिम्मेदार रवैया अपनाएगा। ध्यान रहे कि उड़ी के बाद 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में बालाकोट एअर स्ट्राइक भी इसी सरकार ने किया था।

ऑपरेशन सिंदूर अंतिम नहीं
भारत के लिए वह भी ऐतिहासिक था पर अपेक्षाकृत छोटा था। उसके बावजूद पहलगाम हुआ तो मोदी सरकार ने घोषणा कर दी कि अब घर घुसकर ही मारेंगे। यहभी एक एक न्यू नार्मल है। सीजफायर से पहले फिर से जिस तरह आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता जताई गई है वह यही है कि ऑपरेशन सिंदूर अंतिम नहीं होगा। यह फिर हो सकता है।

विश्व बैंक पर उठने लगे सवाल
माना जा रहा है कि सीजफायर के बाद जब दोनों देशों के बीच वार्ता होगी वहां भी इस पर फोकस होगा। बम बारूद के शोर में सिंधु पिछले कुछदिनों से नजरअंदाज था। दरअसल यह अपने आप में बहुत बड़ी जीत है। विश्व बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।
ध्यान रहे कि पाकिस्तान की 80 फीसद खेती इसी जल पर निर्भर है। पाकिस्तान से मंगला और तरबेला डैम में सिर्फ 10 फीसद पानी रोका जा सकता है। ऐसे में अगर सिंधु के प्रवाह में थोड़ा भी परिवर्तन होता है पाकिस्तान दाने को तरस जाएगा।

भारत का पानी भारत के काम आएगा
प्रधानमंत्री मोदी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत का पानी भारत के काम आएगा। अगर फिर से दोनों देशों के बीच कोई समझौता होता भी है तो भारत के किसानों के हित को ध्यान मे रखकर ही होगा। एक बड़ी जीत इच्छाशक्ति की भी हुई है।

बार बार परमाणु बम का हौवा बनाने वाले पाकिस्तान को भारत ने यह बताया है कि भारत डिगेगा नहीं। पहलगाम के बाद से ही पाकिस्तान से पूरी तैयार कर ली थी फिर भी भारत को जब हमला करना था तो किया और सौ फीसद निशाने पर।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com