आजतक के स्टिंग ‘ऑपरेशन हुर्रियत’ से जम्मू कश्मीर के अलगाववादियों की बौखलाहत अब साफ दिखने लगी है. हुर्रियत की हकीकत को उजागर करने वाली खबर पर प्रतिक्रिया लेने पहुंची आजतक संवाददाता से जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक ने बदसुलूकी की.
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आजतक संवाददाता कमलजीत संधू ने जब मलिक ने कश्मीर में पथराव और विरोध प्रदर्शनों के लिए पाकिस्तान से फंडिंग मिलने को लेकर जब सवाल पूछा, तो वह भड़क गए और संधू का मोबाइल फोन छीन लिया और फिर जमीन पर पटककर तोड़ डाला. मलिक ने इस दौरान आजतक के वीडियो जर्नलिस्ट विनोद से भी धक्कामुक्की की.
कमलजीत के मुताबिक, जब वह श्रीनगर में लाल चोक से कुछ ही दूरी पर स्थित मायसूना में अलगाववादी यासीन मलिक के घर पहुंचीं, तो उन्हें ऊपर माले पर बुलाया गया. यहां जब आजतक के स्टिंग में पत्थरबाजों के लिए ISI से पैसे लेने की बात कबूलते कैमरे में कैद हुए अलगाववादी नईम खान पर प्रतिक्रिया मांगी, तो वह भड़क गए और हाथापायी पर उतारू हो गए. कमलजीत बताती हैं, ‘ हम जब वहां पहुंचे तो हमारा कैमरा ऑफ था, हमें बस उनकी प्रतिक्रिया चाहिए थी. लेकिन जैसे ही यासीन मलिक ने आजतक के स्टिंग की बात सुनी तो वह बौखला गए और कहने लगे कि आप भी मेरा स्टिंग करने (खुफिया) एजेंसी से आई हैं. हालांकि हमने उन्होंने साफ बताया कि हम आजतक से हैं और बस आपकी प्रतिक्रिया लेना चाहते हैं.
लेकिन वह मानें नहीं और फोन छीनने को लपके, हमनें उनसे फिर यह भी कहा कि आपको अगर बात नहीं करनी तो ना करें, इस तरह से बदसुलूकी क्यों कर रहे हैं. हालांकि यासीन मलिक फिर भी नहीं माने और मेरा बैग छीना कर सारा सामान फेंक किया. फिर मोबाइल फोन को तोड़ डाला. इससे उनके हाथ भी हलका कट गया. इसके बाद उन्होंने वीडियो जर्नलिस्ट विनोद की पीठ पर मारते हुए नीचे उतारने लगे. इस दौरान विनोद की पीठ पर मलिक के खून के धब्बे भी पड़ गए.
बता दें कि इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी तहकीकात में पत्थरबाजों के धूर्त फाइनेंसर्स को बेनकाब किया था. ये हमेशा माना जाता रहा है कि कश्मीर घाटी में गर्मियों में फैलाई जाने वाली गड़बड़ी के तार सरहद पार बैठे स्पॉन्सर्स से जुड़े होते हैं. लेकिन पहली बार इंडिया टुडे को इस संबंध में पुख्ता सबूत जुटाने में कामयाबी मिली है. इन सबूतों से साफ होता है कि घाटी में दिखाए जाने वाले गुस्से की स्क्रिप्ट किस तरह पाकिस्तान लिखता है. साथ ही घाटी के असली खलनायकों का काले चिट्ठे का भी खुलासा होता है.
हुर्रियत के गिलानी धड़े का प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान से इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने संपर्क साधा और खुद को काल्पनिक धनकुबेर बताते हुए कश्मीर के अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई. नईम फिर चोरी छुपे ढंग से अंडर कवर रिपोर्टर्स से मिलने दिल्ली तक पहुंच गया. नईम ने जो खुलासे किए वो चौंकाने वाले थे.
नईम खान कैमरे पर ये कहते हुए कैद हुआ कि ‘पाकिस्तान पिछले 6 साल से कश्मीर में बड़ा प्रदर्शन खड़ा करने के लिए हाथ-पैर मार रहा है.’ घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किस स्तर पर पैसा धकेला जा रहा है, इस पर नईम खान ने कहा, ‘पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं.’ हुर्रियत नेता ने ये भी साफ किया कि किस तरह इस्लामाबाद काले धन की धुलाई को भी अंजाम दे रहा है. ऑन रिकॉर्ड किसी भी कश्मीरी अलगाववादी नेता ने पहली बार ये खुलासा किया है.
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