इसकी शुरुआत तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) ने की हैं। टीएनसीए के अध्यक्ष एन श्रीनीवासन हैं। टीएनसीए ने अंडर-19 के दो टेस्ट मैचों की मेजबीन करने में असमर्थता जाहिर की है। हालांकि टीएनसीए का कहना है कि उनके इस फैसले का लोढ़ा समिति की सिफारिशों से कुछ लेना-देना नहीं है।
इसके बाद हैदराबाद क्रिकेट संघ ने भी फरवरी में भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले इकलौते टेस्ट मैच की मेजबानी से इनकार कर दिया है। हैदराबाद क्रिकेट संघ का कहना है कि उसके पास मैच करवाने के लिए पैसा नहीं हैं। इस फैसले से बीसीसीआई के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।
हालांकि टीएनसीए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय टी20 और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय वनडे की मेजबानी करेगा। टीएनसीए के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने शनिवार को बीसीसीआई के डिस्क्वालीफाई करने वाले अधिकारियों के साथ अनिधिकृत रूप से एक बैठक बुलाई थी।
टीएनसीए के सदस्या आरएन बाबा ने सफाई देते हुए कहा कि टीएनसीए के लीग मैच पूरे किए जाने हैं। वरदा तूफान के बाद मैदान की स्थिति काफी खराब है। उन्होंने इन अटकलों को खारिज किया कि टीएनसीए द्वारा आदेश की अवज्ञा होगी।
इस फैसले के बाद यह आशंका जोर पकड़ने लगी है कि कई और राज्य संघ असहयोग कर बगावती सुर अलाप सकते हैं। ऐसी बगावत बीसीसीआई के सामने एक नई मुसीबत खड़ी कर देगी। इससे कई सीरीज खटाई में पड़ गई हैं।
जानकारों का कहना है कि भारत-बांग्लादेश के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। देश में कई क्रिकेट स्टेडियम राज्य संघों के मालिकाना हक में हैं। अगर ऐसा होता है तो भारत के मैच देश में नहीं हो पाएंगे।