नई दिल्ली: 14 विपक्षी दलों ने संविधान दिवस पर उत्सव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सेंटर हॉल में एक स्वागत समारोह में बोलेंगे। 
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा “दुनिया भर में कई लोगों का मानना था कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय लोकतंत्र जीवित नहीं रहेगा, फिर भी हम यहां उस संविधान के कारण हैं जो हमें “हम भारत के लोग” से जोड़ता है, किसी को भी कभी भी हमारे संविधान को कमजोर करने, कमजोर करने या विफल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।” न केवल कांग्रेस, बल्कि राकांपा ने भी इस कार्यक्रम को छोड़ने का फैसला किया है। राकांपा के मजीद मेमन ने कहा, “भाजपा केंद्रीय हॉल में संविधान दिवस को भारत के संविधान के लिए गंभीरता और सम्मान के साथ मनाना चाहती है। ऐसा करना एक मजाक है जब वे जमीन पर इसका पालन नहीं करते हैं।”
इस पर कांग्रेस ने विपक्षी दलों से संपर्क किया है। तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी, समाजवादी पार्टी, राजद, शिवसेना, आईयूएमएल, द्रमुक, राकांपा और अन्य ने भी इसका अनुसरण किया। विपक्ष ने दावा किया कि केंद्र न केवल संविधान का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि संसद को दरकिनार कर और विषयों पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल होकर इसका मजाक उड़ा रहा है।
शुक्रवार को संविधान दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद भवन के सेंट्रल हॉल में मुख्य अतिथि होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी भीड़ को संबोधित करेंगे।
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