एसके मिनरल्स मामले में जांच के दौरान बस स्टैंड के पास संचालित सरागवी बंधुओं के कार्यालय से पुलिस द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच जबलपुर आयकर विभाग के अधिकारियों ने दूसरे दिन बुधवार को भी की है। सूत्रों की मानें तो सरावगी बंधुओं के कार्यालय से जब्त किए गए दस्तावेजों में फर्जी फर्मों की जानकारी सामने आई है।
करीब 140 फर्मों में कुछ फर्में ऐसी है जो लघु उद्योग निगम भोपाल में रजिस्टर्ड हैं लेकिन हकीकत में उन फर्मों के नाम से उद्योग चल ही नहीं रहे हैं। उद्योग के नाम से लिंकेज का कोयला (उद्योग संचालन के लिए बाजार मूल्य से कम पर सबसिडी में मिलने वाला कोयला) लेकर खुले बाजार में बेचा जाता था।
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एसके मिनरल्स की जांच में अब तक फर्जी फर्में, कोयला कारोबार और हवाला किए जाने की तथ्य मिल रहे हैं। हालांकि जांच में क्या जानकारी मिल रही है इस बात का अधिकृततौर पर खुलासा नहीं किया गया है।
दूसरे दिन भी जांच
मंगलवार को पूरे दिन जब्त दस्तावेजों को खंगालने के बाद शाम को आयकर के अधिकारी वापस जबलपुर चले गए थे। बुधवार दोपहर बाद आयकर के अधिकारी दोबारा कोतवाली थाने पहुंचे। वहां पर बंद कमरे में जांच शुरू कर दी गई। शाम तक लगातार दस्तावेजों की जांच की गई है।
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कोयला से हवाला तक
सूत्रों की मानें तो फर्जी फर्मों का इस्तेमाल कोयला को बेच जाने के लिए किया जाता था, कोयला से लेकर हवाला के कारोबार तक के तार एसके मिनरल्स फर्म से जुड़ने लगे हैं। इस मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है। मामला 5 सौ करोड़ के हवाला कारोबार तक सीमित न होकर और भी बढ़ सकता है।