कठुआ में 8 साल की मासूम से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में बड़ा खुलासा हुआ है, मामले की जांच कर रहे जांचकर्ताओं का मानना है कि गिरफ्तार किया गया 15 साल का नाबालिग मासूम बच्ची की हत्या करने में सबसे आगे था. जांचकर्ताओं का कहना है कि बीते कुछ समय से आरोपी नाबालिग के मन में मुस्लिम गुज्जर समुदाय के प्रति नफरत पैदा हो गई थी. हालांकि आरोपी नाबालिग की मां का कहना है कि उसका बेटा निर्दोष है और वह मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं
.
आरोपी नाबालिग को जुवेनाइल होम भेज दिया गया है. उसके 62 वर्षीय चाचा, जो मामले में मुख्य आरोपी है और 22 वर्षीय चचेरे भाई को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी नाबालिग इससे पहले भी मारपीट की घटनाओं में शामिल रहा है और उसके परिवार वाले भी उससे परेशान रहते थे. नाबालिग कि माँ ने बताया कि कठुआ दुष्कर्म मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से करीब तीन महीने पहले उनके बेटे और गुज्जर मुस्लिमों के बीच मारपीट हुई थी.
आरोपी की मां भी चाहती थी कि पुलिस उसके बेटे को डांटे ताकि वह सही राह पर आ जाए. यही सोचकर मां अपने बेटे को लेकर पुलिस थाने भी गई थी. जांच अधिकारियों ने बताया कि उसी मारपीट के बाद से आरोपी नाबालिग के मन में गुज्जरों के प्रति नफरत पैदा हो गया था. यहां तक कि पुलिस थाने ले जाने को लेकर उसने अपनी मां से भी बदसलूकी की थी. वहीं आरोपी के चचेरे भाई ने बताया कि वह धूम्रपान करने लगा था और शराब भी पीता था. उसने बताया कि आरोपी को अंधेरे से इतना डर लगता था कि रात में वह घर का गेट बंद करने तक नहीं निकलता था.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features