कड़ाके की ठंड में उत्तराखंड विधानसभा सत्र गरमाएगा। पहले ही दिन से आक्रामक रुख अख्तियार करने का इरादा रख विपक्षा ने नया दांव चला है। जानिए कैसे 25 साल में बदल गई अयोध्या, आखिर हर गम की एक मुद्दत होती है…
कड़ाके की ठंड के बीच आज से शुरू हो रहे गैरसैंण विधान सभा सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष ने नया दांव चला है। उसने सरकार से सत्र को लंबी अवधि तक चलाने की मांग की है। इसे विपक्ष का रणनीतिक कदम बताया जा रहा है। उसे अंदेशा है कि सरकार ने बेशक सात दिन का बुलाया है, लेकिन इसे वह दो दिन में स्थगित कर देगी। विपक्ष ने सदन में पहले ही दिन से आक्रामक रुख अख्तियार करने का इरादा बनाया है।
बुधवार की शाम भराड़ीसैंण में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सत्र के एजेंडे के लेकर विपक्ष ने रणनीति पर मंथन किया। कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने पुष्टि की कि बैठक में विपक्ष का इस बात पर जोर था कि सत्र को लंबी अवधि तक चलाया।
सरकार के पास सत्र को चलाने के लिए पयार्प्त एजेंडा नहीं
बकौल रावत, सरकार के पास सत्र को चलाने के लिए पयार्प्त एजेंडा नहीं है, इसलिए उसका इरादा इसे दो दिन में निपटाने का है। यदि सरकार ऐसा करती है, तो विपक्ष उससे सवाल पूछेगा कि बगैर एजेंडा सत्र बुलाने का औचित्य क्या था।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में पार्टी विधायक काजी निजामुद्दीन और फुरकान अहमद को छोड़कर बाकी सभी विधायक मौजूद रहे। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों को रखा, जिस पर तय हुआ कि विपक्ष निकायों के सेवा विस्तार, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किडनी कांड के मुद्दों सदन में जोरदार ढंग से गरमाएगा।
हम सत्र 13 दिसंबर तक चलाना चाहते हैं। लेकिन सरकार की मंशा पूरा सत्र चलाने की नहीं है। वह शुक्रवार को ही सत्र निपटा देगी क्योंकि उसके पास कोई बिजनेस नहीं है । -करन माहरा,उपनेता प्रतिपक्ष।