गुजरात में चाइनीज उत्पादों की बिक्री का विरोध कर श्री करणी सेना चैरिटी कमिश्नर की नजरों में चढ़ गई है। चैरिटी कमिश्नर ने समाजसेवा के नाम पर सरकारी अधिकारियों को धमकाने व संस्था की लैटरहैड का उपयोग सरकार के नाम ज्ञापन पत्र आदि देकर पब्लिसिटी स्टंट करने पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी जिलों के सहायक चैरिटी कमिश्नर को एक आदेश जारी कर इस तरह के ट्रस्टों की रिपोर्ट मांगी है।
चैरिटी कमिश्नर वाई एम शुक्ला ने दो टूक कहा है कि करणी सेना निजी स्वार्थ के लिए अधिकारियों को धमकी देने तथा करणी सेना के लैटर हेड पर ज्ञापन देने के कामों में संलग्न है। उनका आरोप है कि कुछ ट्रस्ट चैरिटी कमिश्नर कार्यालय में अपना पंजीकरण विविध सामाजिक व सार्वजनिक हितों के उद्देश्यों से कराते हैं, बीते दो चार साल से ऐसे ट्रस्टों के आवेदन की बाढ़ सी आ गई है जो पंजीकरण के बाद सरकारी अधिकारियों को धमकाने, आयकर व अन्य सरकारी छूट आदि लेने में ही इन ट्रस्ट का उपयेाग करते हैं। उनका यह भी आरोप है कि करणी सेना व अन्य ऐसे कई फर्जी ट्रस्ट जनता में भय फैलाने का काम करते हैं जिन्हें राज्य सरकार को तुरंत बंद कर देना चाहिए। चैरिटी कमिश्नर ने सभी जिला कार्यालयों को ऐसे ट्रस्ट की एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है जो इस तरह के कार्यो में संलग्न हैं तथा अपनी ऑडिट रिपोर्ट पेश नहीं करते हैं।
भारत व चाइना के बीच चल रहे सीमा विवाद तथा सीमा पर 20 जवानों की शहादत को लेकर करणी सेना ने गत दिनों अहमदाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों में चाइनीज उत्पाद बेचने का विरोध कर चाइनीज उत्पाद का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। कोरोना महामारी के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क के नियमों की अवहेलना को लेकर भी इस प्रदर्शन पर मीडिया व सोशल मीडिया में भी खूब सवाल उठे थे। करणी सेना के अध्यक्ष व श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजसिंह शेखावत इन संगठनों के संचालक हैं तथा विविध राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर वे सडकों पर विरोध प्रदर्शन से गुरेज नहीं करते हैं।