कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों को ये लोग ट्रांजिट के रूप में इस्तेमाल करेंगे। स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर उनके पास रहेंगे। आतंकियों की अब प्राथमिकता होगी कि कश्मीर में आतंकी हमले कम करें। वे कश्मीर को सेफ हाउस की तरह इस्तेमाल करेंगे।
वहां से जम्मू आने और फिर जम्मू से अलग-अलग हिस्सों में जाने की कोशिश करेंगे। सूत्रों का कहना है कि जून और जुलाई में जम्मू समेत दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि में बड़े आतंकी हमले हो सकते हैं। ये आतंकी कश्मीर में रहकर इसकी रणनीति बनाएंगे।
कश्मीरियों के हमदर्द बनने की कोशिश
पिछले कई आतंकी हमलों में कश्मीर के रहने वाले स्थानीय सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए। इसका स्थानीय स्तर पर विरोध हुआ। इसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा जानकारी सुरक्षा बलों तक पहुंचाने से कई आतंकी मारे जाने लगे।
इसलिए आतंकी इस कोशिश में हैं कि कश्मीरी सुरक्षाकर्मियों को न मारा जाए। उनका हमदर्द बनकर उनके पास रहा जाए। उनके पास रहकर हमलों की रणनीति बनाई जाए। ऐसे हमले न किए जाएं, जिसमें स्थानीय नागरिक मारे जाएं।
400 से अधिक आतंकी तैयार
खुद नार्दर्न कमांड के जनरल आफिसर कमांडर-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) देवराज अनबू ने जानकारी दी है कि 400 से अधिक आतंकी सीमा पार घुसपैठ के लिए बैठे हुए हैं, जो हमलों की फिराक में है। अनुमान यह भी है कि कश्मीर में ही 200 से अधिक आतंकी मौजूद हैं। इसकी जानकारी होने पर भी सुरक्षा एजेंसियां इनका पता नहीं लगा पा रही। यह एक बड़ी चुनौती बन चुका है।