घाटी में हथियारों की लूट मामले में 10 और पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। हाल ही में हिंसा के दौरान आतंकियों द्वारा हथियार लूट के दौरान विरोध न किए जाने पर यह कार्रवाई की गई है। कुछ और पुलिसकर्मियों के भी खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी। हथियार लूट के सभी मामलों में विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
अल्पसंख्यक पिकेट तथा राजनीतिक लोगों की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों से हाल के दिनों में 28 हथियार लूट लिए गए। इनमें कारबाइन, एके 47, इंसास, एसएलआर और थ्री नाट थ्री शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार 10 दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लापरवाही के आरोप में इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। कुछ और पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है।
पुलिस कर्मियों ने हथियार बचाने के लिए नहीं किया प्रयास
ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है कि भविष्य में हथियार लूट की घटना न हो सके। हथियार लूट के सभी मामलों में मुकदमा दर्ज कर सभी की जांच की गई। सूत्रों का कहना है कि सभी मामलों की जांच पूरी हो गई है और रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों के पास है। जांच में यह पाया गया है कि लूट के दौरान पुलिस कर्मियों ने न तो किसी प्रकार का प्रतिरोध किया और न ही हथियार बचाने के लिए कोई प्रयास किए गए।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में पुलवामा में अल्पसंख्यक पिकेट से आतंकियों ने दो राइफल लूट लिए। 03 अक्टूबर को कुलगाम जिले में अल्पसंख्यक पिकेट से पांच हथियार लूटे गए। 17 अक्टूबर को अनंतनाग के डोरू में टीवी टावर की सुरक्षा में लगे पिकेट से भी पांच हथियार लूट लिए गए। सितंबर महीने में दक्षिणी कश्मीर में तीन राजनीतिक नेताओं के घर से कुल नौ हथियार लूटे गए थे।