विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चूंकि श्रीदेवी सांप्रदायिकता के खिलाफ काम करती थीं, इस वजह से भाजपा के दबाव में सरकार ने उनका नाम हटवा दिया। हालांकि सरकार के मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इस आरोप को गलत बताते हुए इसे विधानसभा का कार्यक्षेत्र बताया।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार तक कथित तौर पर श्रीदेवी का नाम उक्त सूची में था, लेकिन शाम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद एनवक्त पर उनका नाम हटा दिया गया। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन था। कार्यसूची में जिन 11 व्यक्तियों के निधन के उल्लेख के साथ सदन में श्रद्धांजलि दी जाना थी, उनमें श्रीदेवी के साथ दिग्गज अभिनेता शशि कपूर का नाम भी था। हालांकि मंगलवार की सुबह संशोधित सूची से श्रीदेवी और शशि कपूर दोनों के ही नाम गायब थे।
विधानसभा परंपरा के अनुसार विधानसभा के पहले दिन दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। सोमवार को बजट सत्र का पहला दिन था। उस दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होना था, इसलिए सदन में निधन उल्लेख नहीं किया गया।
मंगलवार के लिए जो कार्य सूची बनी, उसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के अलावा 11 अन्य नाम थे। इनमें फिल्म अभिनेता शशि कपूर और अभिनेत्री श्रीदेवी का भी नाम था लेकिन सोमवार दोपहर बाद जब यह खबर आई कि श्रीदेवी की मौत बाथटब में डूबने की वजह से हुई है। उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह भी पता चला कि मरते वक्त उन्होंने शराब पी रखी थी। ऐसे में बीजेपी के नेताओं ने कार्य सूची में से उनका नाम हटाने का फैसला किया।