कांग्रेस के अखबार नेशनल हेराल्ड में छपी एक हेडलाइन से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर सवाल खड़े करने वाली हेडलाइन से खुद कांग्रेस सवालों के घेरे में आ गई है. हेडलाइन में लिखा है, ‘RAFALE: MODI’S BOFORS’ यानी ‘राफेल मोदी का बोफोर्स.’ इस हेडलाइन के बाद विरोधयों ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या कांग्रेस ने मान लिया है कि बोफोर्स घोटाला था?
शहजाद पूनावाला ने साधा कांग्रेस पर निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी रहे शहजाद पूनावाला ने अखबार की हेडलाइन शेयर करते हुए लिखा है, ‘’नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए उन्होंने सभी चायवालों और गरीबों पर हमला किया. नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए उन्होंने सेना और भारत पर हमला किया और आज नरेन्द्र मोदी पर हमला करने के लिए उन्होंने अपने देवता, गांधी राजवंश पर भी हमला किया.’’ शहजाद ने आगे कहा, ‘’नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए वास्तव में वह अपना दिमाग भी खो सकते हैं.’’
सिर्फ हेडलाइन में है बोफोर्स का जिक्र
बता दें कि नेशनल हेराल्ड में छपी इस खबर में बोफोर्स का जिक्र केवल हेडलाइन में किया गया है. हेडलाइन में यह बताने की कोशिश की गई है कि राफेल भी सरकरा के लिए एक सिरदर्द है. खबर के अंदर कहीं भी राफेल डील और बोफोर्स के बीच कोई तुलना नहीं की गई है.
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाए हैं राफेल डील मे ंघोटाले के आरोप
दरअसल कांग्रेस राफेल डील को लेकर लगातार मोदी सरकार पर घोटाले का आरोप लगाती रही है. खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई बार इस डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चुके हैं. हाल ही में संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी राहुल गांधी ने पूरे जोर शोर से लोकसभा में राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.
क्या है बोफोर्स घोटाला?
भारत सरकार ने 1986 में स्वीडिश कंपनी बोफोर्स से 1437 करोड़ में 400 तोप खरीदने का फैसला किया था. 16 अप्रैल 1987 को स्वीडिश रेडियो ने दावा किया कि बोफोर्स ने भारत के कई नेताओं और अफसरों को दलाली दी. तब के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दावा किया था कि किसी बिचौलिए को पैसा नहीं दिया गया. इस घोटाले ने भारत की राजनीति का रुख बदल दिया.
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