कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा- क्या कोई PM पूर्व PM के बारे में ऐसे भी बोल सकता है

कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा- क्या कोई PM पूर्व PM के बारे में ऐसे भी बोल सकता है

संसद को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष से ज्यादा सरकार की है। कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा कहना है कि सरकार खुद नहीं चाहती संसद चले। ऐसे में यदि संसद नहीं चलता है तो न चले। रहा सवाल का विपक्ष का हम संसद भवन की कार्यवाही चाहते हैं। शर्मा का कहना है कि कांग्रेस को संसद के दोनों सदनों में भाजपा अध्यक्ष के बेटे जय शाह का ममला उठाना है। किसानों के मुद्दे उठाने हैं और राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में रही धांधली पर सरकार से सवाल पूछने हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद नहीं चाहते कि संसद चले।कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा- क्या कोई PM पूर्व PM के बारे में ऐसे भी बोल सकता हैआज भी संसद में 2G और मनमोहन के मुद्दे पर टिप्पणी को लेकर विपक्ष का हंगामा रहेगा जारी…

हम तो तैयार थे
आनंद शर्मा ने कहा कि सोमवार को सदन को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा हुई थी। हम इसके लिए तैयार थे। दिन भर सदन चला। दो बिल भी पारित हुए। हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री राज्यसभा में आएंगे। वह सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर, जाने माने राजनयिक शंकर वाजपेयी समेत अन्य की मणि शंकर अय्यर के घर पर हुई बैठक को लेकर की गई अपनी टिप्पणी का स्पष्टीकरण देंगे। लेकिन संवैधानिक मूल्यों का अपमान करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब अपना राजहठ नहीं छोड़ रहे हैं तो विपक्ष के पास इसके सिवा कोई चारा नहीं है।

क्यों अड़े हैं?
विपक्ष क्यों अड़ा है? इस सवाल पर आनंद शर्मा का कहना है कि सवाल यहां संवैधानिक पद के मूल्यों का है। मनमोहन सिंह पूर्व प्रधानमंत्री हैं। हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति रहे हैं। जिस बैठक की बात हो रही है उसमें भारतीय उच्चायोग में तैनात रहे कई पूर्व भारतीय राजनयिक थे। प्रधानमंत्री ने इस पर गुजरात की चुनावी जनसभा में सवाल उठा दिया? वह बताए तो कि यह कैसी गुप्त बैठक थी? इतने संवेदनशील पदों पर रहे ये लोग आखिर कौन सा राष्ट्र विरोधी काम कर रहे थे।

क्या ये लोग राष्ट्र विरोधी गतिविधि में हिस्सा ले सकते हैं। आनंद शर्मा के अनुसार सवाल संसद में गतिरोध बने रहने का ही नहीं है, इससे बड़ा सवाल संसदीय और संवैधानिक मर्यादा का है। आखिर एक वर्तमान प्रधानमंत्री अपने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पर इस तरह के आधारहीन आरोप कैसे लगा सकता है? आनंद शर्मा का कहना है कि हम तो बस स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। वह दे दें और सदन सुचारु रूप से चले।  

सरकार नहीं थी अनजान
आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसे गुप्त मीटिंग करार दे दिया। जबकि पाकिस्तान के राजनयिक समेत अन्य भारत सरकार द्वारा दिए गए वीजा पर आए थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास एससपीजी सुरक्षा कवर है। जहां पूर्व प्रधानमंत्री जाते हैं, एसपीजी वहां की एक दिन पहले रैकी करती है। आखिर इसमें क्या गोपनीय था? इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के समय में भारतीय उच्चायोग में तैनात टीसीए राघवन, शरत सब्भरवाल समेत अन्य भी थे। शर्मा ने कहा कि इसमें कुछ भी गोपनीय नहीं था। सबकुछ सरकार की जानकारी था। प्रधानमंत्री जानबूझकर अनजान बन रहे थे।

न चले संसद
आनंद शर्मा ने कहा कि संसद नहीं चलती है तो न चले। यह कोई विपक्ष की अकेले की जिम्मेदारी नहीं है। कांग्रेस संवैधानिक मूल्यों में विश्वास करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा हम भाजपा की तरह से संवैधानिक मूल्यों का अपमान नहीं करते। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो पद पर आसीन होते ही अपने प्रधान सचिव की नियुक्ति के आध्यादेश लाकर ही यह पहल कर दी थी। यह सरकार की भी जिम्मेदारी है। वह संसद को चलाने की पहल करे।

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