पीटीआई से खास बातचीत में रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सामने संकट गहरा है। इमरजेंसी के बाद 1977 में भी पार्टी सत्ता से बाहर हुई थी। इसके बाद 1996-2004 के दौरान भी चुनावी संकट से दो-चार हुई थी, लेकिन आज उसके सामने अपना अस्तित्व बचाए रखने का संकट है। यह महज चुनावी संकट नहीं है। चुनावी संकट परे ये चुनौती अलग तरह की है, इसीलिए हमें अलग कदम भी उठाने होंगे।
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सत्ताविरोधी लहर के दम पर नहीं बदलेंगी राज्य की सरकारें
कांग्रेस अगर यह सोचती है कि मोदी विरोधी लहर उन राज्यों में भी कारगर होगी जहां भाजपा की सरकारें हैं, तो यह गलत है। रमेश ने साफ कहा कि हमें यह समझना होगा कि हमारे सामने श्रीमान मोदी और श्रीमान शाह हैं। वे कुछ अलग ढंग से सोचते हैं, अलग तरीके से काम करते हैं और अगर अपने दृष्टिकोण में बदलाव नहीं लाएंगे तो यकीन मानिए कि अप्रासंगिक हो जाएंगे।
रमेश ने कहा, राजनीतिक तौर पर चल चुका है भारत देश
जयराम रमेश ने साफगोई के साथ कहा कि हमें यह मान लेना होगा कि भारत बदल गया है। पुराने नारे काम नहीं कर रहे हैं। पुराने फार्मूले भी बेकार हो चुके हैं। पुराने मंत्र बेअसर हो चुके हैं। भारत में तब्दीली आ चुकी है, अब कांग्रेस को बदलना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद संभालने को लेकर जारी अनिश्चितता को जल्द से जल्द दूर करेंगे ताकि 2018 में राज्यों के विधानसभा चुनाव और उसके अगले साल लोकसभा के चुनाव में जोरदार चुनौती पेश करने की तैयारी की जा सके। यह अनिश्चितता नुकसानदेह साबित होगी।
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सामूहिक नेतृत्व पर यकीन करती है कांग्रेस
क्या कांग्रेस के पास कोई नेता है, जो मोदी का मुकाबला कर सकता है, इस पर रमेश ने कहा कि पार्टी किसी व्यक्ति के जादुई करिश्मे से नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास से ही मोदी को पराजित कर सकती है। उन्होंने पार्टी के उन नेताओं को आड़े हाथ लिया जो अब भी ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे सत्ता में हों।
कर्नाटक फिर से करेगी कांग्रेस का उद्धार
रमेश ने उम्मीद जताई कि जैसे 40 साल पहले 1978 में कर्नाटक के चिकमगलूर से जीतने के बाद इंदिरा गांधी का राजनीतिक पुनर्जन्म हुआ था, वैसे ही अगले साल राज्य विधानसभा चुनाव से पार्टी को पुनर्जीवन मिलेगा।
अपने विधायकों को टूटने से बचाना गलत नहीं
गुजरात में अपने विधायकों को भाजपा के पाले में जाने से रोकने के लिए उन्हें राज्य से बाहर बंगलूरू ले जाने के सवाल पर रमेश ने कहा कि उन्हें इस फैसले में कुछ भी गलत नहीं लगता है। भाजपा ने भी पहले अपने एमएलए को टूटने से बचाने के लिए यह काम किया है।
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जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के अस्तित्व पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। अगर सब कुछ इसी तरह चलता रहा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का मुकाबला करना असंभव होगा। पार्टी को प्रासंगिक बनाए रखना है तो उसे अपने रवैये में लचीलापन लाना होगा। सभी नेताओं को सामूहिक प्रयास करना होगा। देश बदल गया है लेकिन कांग्रेस नहीं बदल रही है। ऐसे में उसे अप्रासंगिक होते देर नहीं लगेगी।