
शहजाद का दावा है कि ऑडियो में उनकी आवाज है। जबकि मनीष तिवारी ने ऐसी किसी बातचीत और शहजाद को लेकर अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है। उनका कहना है, ‘आप अपना काम करें, मैं अपना काम कर रहा हूं।’ इस ऑडियो को लेकर कांग्रेस की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। पार्टी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि शहजाद वर्तमान में पार्टी के सदस्य भी नहीं हैं।
पार्टी ने शहजाद की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं। शहजाद के जिस ऑडियो पर सवाल उठाए जा रहे हैं उसमें पार्टी को प्रोपराइटरशिप यानी मिल्कियत बताते हुए चलाने की बात कही जा रही है। हालांकि इस बातचीत में सभी पार्टियों में ऐसी ही मिल्कियत और चुनाव प्रक्रिया अपनाने की बात भी कही गई है। ऑडियो में शहजाद को समझाने और सीख देने का प्रयास किया गया है। शहजाद ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अध्यक्ष पद के लिए ‘इलेक्शन नहीं सलेक्शन’ हो रहा है। शहजाद के भाई तहसीन पूनावाला रॉबर्ट वाड्रा के बहनोई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है। राहुल गांधी 4 दिसंबर को अपना नामांकन कराएंगे।
मनीष तिवारी – आपने यह सब कैसे सोच लिया? पार्टी में पदाधिकारियों की नियुक्ति एकतरफा ही होती है।
शहजाद पूनावाला – हां, लेकिन यह बहुत दिन तक नहीं चल सकता। मैं कोई पद नहीं चाहता और न ही मुझे किसी पार्टी से कोई टिकट चाहिए। सवाल यह है कि आखिर कैसे कोई परिवार लगातार राज कर सकता है या अपनी काबिलियत को नजरअंदाज कर हमें एक परिवार की विरासत को ढोना होगा?
मनीष तिवारी – आदर्शवादी बातों में मत पड़ो। हकीकत यह है कि कांग्रेस एक संपत्ति है। यह कोई राजनीतिक दल नहीं है। भारत में कोई भी पार्टी राजनीतिक दल नहीं हैं। ये सभी संपत्तियां हैं। यह सुधारों की दूसरी लहर है, जो कांग्रेस के लिए बहुत जरूरी है। अगर तुम पहली पंक्ति में आना चाहते हो तो इन सब बातों को पीछे छोड़ना होगा।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features