क्या पश्चिम बंगाल में मशहूर विद्यासागर सेतु का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था? अगर कांग्रेस की मानें तो हां. ये बात अलग है कि इस सेतु का उद्घाटन 10 अक्टूबर यानी आज ही के दिन 1992 में हुआ था, जबकि इंदिरा गांधी की हत्या इससे ठीक छह साल पहले अक्टूबर के महीने में ही 31 तारीख को हो चुकी थी.अभी-अभी: इस एक्ट्रेस को बंदूकधारियों ने गोली मारकर की हत्या, मचा हडकंप..!
जी हां, कांग्रेस ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर आज #ThisdayThatYear के साथ कई पोस्ट कीं. एक में उसने आज ही के दिन कैलाश सत्यार्थी को 2014 का नोबेल पुरस्कार मिलने का जिक्र किया तो दूसरे में 2008 में तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी का अमेरिकी फर्म के साथ भारत में परमाणु तकनीक बेचने संबंधी समझौते का.
इसी हैशटैग के तहत कांग्रेस ने लिखा कि आज ही के दिन 1992 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1992 में विद्यासागर सेतु का उदघाटन किया था. सुबह 8.15 बजे लिखी गई इस पोस्ट को करते वक्त कांग्रेस का सोशल मीडिया सेल भूल गया कि इंदिरा गांधी नहीं, उस वक्त नरसिंहा राव प्रधानमंत्री थे और उन्होंने ही इस सेतु का उद्घाटन किया था. इंदिरा गांधी की हत्या तो छह साल पहले 1984 में ही हो गई थी और वो भी अक्टूबर का ही महीना था.
जाहिर है ये पोस्ट होते ही यूजर्स ने कांग्रेस की खिंचाई करना शुरू कर दिया कि आखिर कैसे इंदिरा गांधी इस सेतु का उद्घाटन कर सकती हैं और कांग्रेस का मीडिया सेल अगर इतिहास को जनता को बताना चाहता है तो पहले वो खुद को अपडेट क्यों नहीं करता. तकरीबन 12 बजे कांग्रेस को अपनी इस गलती का अहसास हुआ और फिर इस पोस्ट को एडिट कर लिखा गया कि 1992 में पी वी नरसिंहा राव ने इस सेतु का उद्घाटन किया था जबकि इसकी आधारशिला 20 मई 1972 को इंदिरा गांधी ने रखी थी.
एक फेसबुक यूजर ने चुटकी लेते हुए पूछा कि 1992 में इंदिरा जी को निमंत्रण देने स्वर्ग में कौन गया था.
खास बात ये है कि फेसबुक पोस्ट को एडिट करने के बावजूद उसकी पुरानी पोस्ट को देखने का विकल्प मौजूद रहता है. इस पोस्ट में भी कांग्रेस की चूक उसकी एडिट हिस्ट्री में देखी जा सकती है लेकिन अच्छी बात ये है कि कांग्रेस को अपनी गलती का जल्द अहसास हो गया और उसने उसे सुधार भी लिया.