सपा ने शुक्रवार को जबसे प्रत्याशियों की घोषणा की है, कांग्रेस खेमे में बेचैनी है। दूसरे चरण के नामांकन प्रारंभ हो चुके हैं लेकिन कांग्रेस पहले चरण के प्रत्याशियों को भी फाइनल नहीं कर सकी। कांग्रेस हाईकमान के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार देर शाम तक सीएम अखिलेश के साथ बातचीत की। इसे कांग्रेस की तरफ से गठबंधन बचाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
सपा सूत्रों के मुताबिक सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस का अव्यवहारिक रवैया रहा। यदि कांग्रेस की जीती हुई और सपा की विजयी सीटों को छोड़कर अन्य स्थान पर नंबर-2 वाली सीटों की गणना की जाए तो इनकी सीटों की संख्या 54 बैठती है। सपा ने इसमें 30 बढ़ाकर कांग्रेस को 84 सीट देने की पेशकश की है। यह भी कहा गया है कि कांग्रेस अपनी पसंद की सीटों की लिस्ट न दे। उन सीटों की सूची दे जो फॉर्मूले के तहत उसके हिस्से में आ रही हैं।
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उधर, सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा, हम कांग्रेस से गठबंधन चाहते हैं। कांग्रेस की 50-55 सीटों पर दावेदारी बनती है, हम 84-85 सीट देने को तैयार हैं लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं मिला। अमर उजाला के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कांग्रेस की ओर से राहुल बात करें या फिर प्रियंका, कांग्रेस को एक सीट ज्यादा नहीं दी जाएगी। हमने पहले ही कांग्रेस को ज्यादा सीटें दी हैं।
नंदा ने कहा कि, 100 क्या 90 सीटें देना भी मुश्किल है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतृत्व में सपा को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। उन्होंने कहा, सपा गठबंधन करने की इच्छुक है मगर अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की कीमत पर गठबंधन नहीं करेगी।