आईआईटी कानपुर में वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव अंतराग्नि शुरू हुआ। टैलेंट फिएस्टा में प्रतिभागियों ने प्रतिभा दिखाई। वहीं ऋतंभरा में फैशन का जलवा दिखा।
आईआईटी कानपुर के वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव अंतराग्नि और साहित्यिक महोत्सव अक्षर का गुरुवार को शानदार आगाज हुआ। शुभारंभ प्रो. शलभ, प्रो. तरुण गुप्ता, प्रो. कांतेश बलानी, प्रो. अर्क वर्मा, कुलसचिव विश्वरंजन, प्रो. वैभव श्रीवास्तव सहित अन्य ने किया। पहले दिन का मुख्य आकर्षण रॉक नाइट रहा। इसमें बैंड ऑल इंडिया परमिट शामिल हुआ। उनके हिट गाने आवारा शाम है… ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
सिंक्रेटिक जाॅट संस्कृति और रचनात्मकता के अनूठे संगम के साथ शुरू हुए महोत्सव में संस्कृति की विविधता दिखी। अंतराग्नि में पहले दिन देशभर से टीमों का आना जारी रहा। रॉक नाइट के बाद टैलेंट फिएस्टा का आयोजन हुआ, जहां प्रतिभागियों ने संगीत, नृत्य और अन्य कार्यक्रम के माध्यम से अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। रात के कार्यक्रमों का समापन प्रमुख फैशन शो ऋतंभरा के साथ हुआ। मॉडल्स ने आत्मविश्वास के साथ रैंप पर शानदार परिधानों और नवाचारी डिजाइनों को प्रस्तुत किया।
शिवानी की कहानी को सराहा
अक्षर कार्यक्रम में शिवानी की कहानी, दास्तानगोई दास्तान-ए-साहिर लुधियानवी में हिमांशु बाजपेई और प्रज्ञा शर्मा ने कहानी को जीवंत कर दिया। ओपन माइक में विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।
तकनीक संस्थान में बोल उठीं किताबें
पढ़ने में असमर्थ लोग रामचरित मानस, श्रीमद्भागवत गीता सुनकर ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। ऐसा संभव होगा सेंसर तकनीक से युक्त किताब की मदद से। किताब न केवल श्लोकों को पढ़ेगी बल्कि उसके अर्थ को भी बताएगी। आईआईटी के सांस्कृतिक महोत्सव में आयोजित पुस्तक मेले में यह किताबें आकर्षण का केंद्र रहीं। इनके प्रति तकनीकी संस्थान के प्रोफेसरों और छात्रों में जिज्ञासा रही।
पुस्तक मेले में देश के अलग अलग हिस्सों के बुक हाउस शामिल हुए हैं। मॉलरोड स्थित नेशनल बुक हाउस की बोलने वाली धार्मिक पुस्तकों को देखने के लिए लोगों की भीड़ रही। किताब को पढ़ने के लिए सेंसरयुक्त पेन भी दिया गया है। इस पेन में स्कैनर, साउंड, हेड फोन और चार्जर का विकल्प भी दिया गया है।
पेन की मदद से श्लोक को पढ़ने के साथ उसका अर्थ समझा जा सकता है। स्टॉल में मौजूद विमल ने बताया कि रामचरित मानस स्पेनिश, फ्रेंच, नेपाली, असमिया, तमिल, तेलुगु, गुजराती, मराठी और कन्नड़ भाषा में उपलब्ध है। श्रीमद्भागवत गीता हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गुजराती, तमिल और कन्नड़ और हनुमान पर उपलब्ध किताब हिंदी, तमिल, मराठी, कन्नड़, असमिया, गुजराती और नेपाली भाषा में उपलब्ध है। इसकी कीमत लगभग 13 हजार है।
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