शहर के बेकनगंज थाना क्षेत्र के रिजवी रोड पर गुरुवार की सुबह बड़ा हादसा हो गया, यहां एक पुराने मकान की छत ढह गई। मलबे में परिवार के चार लोग दब गए, जिसमें मां और दो बच्चों की मौत हो गई है, जबकि मृतक महिला का पति गंभीर रूप से जख्मी है। पुलिस ने घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस और प्रशासन के अफसर मौके पहुंचे गए और किसी अन्य के दबे होने की आशंका के चलते छत का मलबा पूरी हटाकर जांच कराई। आसपास लोगों की भीड़ को पुलिस कर्मी दूर हटाती रही। बचाव कार्य के दौरान फायर ब्रिगेड के एक सिपाही व इलाके के एक व्यक्ति को भी चोट आई है।
बेकनगंज के रजबी रोड पर हाजी अगनू वाली मस्जिद के पास हाते में काफी पुराना जर्जर दो मंजिला मकान, इसकी छतें बल्ली के सहारे मिट्टी से पटी हैं। बीते दिनों बारिश के बाद छत काफी कमजोर हो चुकी थी। इस मकान के एक हिस्से में मजदूर मो. शमी उर्फ राजू का परिवार रह रहा था। भूतल पर शमी अपनी पत्नी शहाना परवीन, आठ वर्ष की बेटी अल्शिफ़ा और तीन वर्षीय बेटे नोमान के साथ रह रहे थे। पहली मंजिल पर उनके भाई मो. रफी व बहन रूषी थे। पूरा परिवार बुधवार की रात मकान में सो रहा था।
गुरुवार सुबह करीब पौने छह बजे जब परिवार गहरी नींद में था तभी मकान की पहली मंजिल की छत अचानक भरभरा कर ढह गई। छत का पूरा मलबा नीचे बेड पर सो रहे शमी व उनके परिवार पर आ गिरा और सभी लोग दब गए। तेज आवाज होने और शमी की चीखपुकार सुनकर भाई बहन और इलाकाई लोग पहुंच गए। कुछ लोगो ने पीआरवी कर्मियों को सूचना दी और मलबा हटाकर बचाव कार्य शुरू किया। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड को भी फोन करके बुलाया गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया। फायर ब्रिगेड की टीम व पुलिस ने मलबा हटाया लेकिन तबतक शहाना व बेटे नोमान की मौत हो चुकी थी।
रूषी ने बताया कि भाई शमी और भतीजी अल्शिफ़ा को उर्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचते ही भतीजी ने भी दम तोड़ दिया। मलबे में भाई का दाहिना पैर टूट गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसीपी अनवरगंज मो. अकमल खान ने बताया कि मकान की पहली मंजिल की छत बल्ली की धन्नी व मिट्टी से बनी थी। संभवतः बरसात में पानी जाने से बल्लियां कमजोर हो गई थीं और उसपर गृहस्थी का सामान, अलमारी आदि भी रखी थी। इसी वजह से छत गिर गई और हादसा हुआ है। मलबा हटाने के दौरान फायर ब्रिगेड का सिपाही दीपेंद्र व इलाके में रहने वाले मो. हसीब भी घायल हुए हैं, जिनका उपचार कराया जा रहा है।
मलबे में दब गईं मां व बच्चों की चीखें
जिस समय हादसा हुआ पूरा परिवार गहरी नींद में था। अचानक मलबा गिरने से मां व बच्चों की चीखें भी दब गईं। पति मोहम्मद शमी ने रोते हुए बताया कि मलबे में पूरा शरीर दब गया था लेकिन सिर बाहर था। पत्नी व बच्चे पूरी तरह से मलबे के नीचे दबे थे। उन्होंने पत्नी को कई बार आवाज दी और कहा कि उठो और बच्चों को निकालो लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने शोर मचाया तो आसपास के लोग आए और मलबा हटाना शुरू किया।