जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या जिस तेजी से बढ़ी है, उसी तेजी से मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी पा रहे हैं। जिले में अब तक 1042 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, इनमें 674 स्वस्थ हो चुके। रिकवरी रेट 64.68 फीसद पहुंच गया है। इसकी बड़ी वजह है कि रोजाना मरीजों को आयुष काढ़ा दिया जा रहा है। इससे संक्रमितों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है और वे कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं। जिले में चार कोविड हॉस्पिटल बनाए गए हैं, जहां मरीजों को एक माह से काढ़ा दिया जा रहा है। इससे तेजी से रिकवरी रेट बढ़ा है। जून में अब तक रिकार्ड 370 मरीज ठीक हुए हैं।
इलाज के दौरान सामने आया कि जिन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी, वही संक्रमित हुए। इन रिपोर्ट पर आयुष मंत्रालय ने प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के खजाने से कारगर काढ़ा का मिश्रण तैयार कराया। भारतीय आयुर्वेद का यह आयुष काढ़ा अब विदेशी कोरोना वायरस को हरा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह काढ़ा नियमित मरीजों को दिया जा रहा है।
काढ़े में इनकी खूबी
तुलसी : इसमें वोलेटाइल ऑयल (सिनामेट, सित्रोनिलाल व लिनोलुल) होता है, जो प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट होने के साथ इम्यूनिटी बूस्टर है।
काली मिर्च : पिपेरिन नामक बायो एक्टिव कंपाउंड होता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाता है। संक्रमण से रक्षा और कफ, पित्त व वात नियंत्रित करती है।
सोंठ : एंटी इंफ्लेमेंट्री है, जो एंटी बैक्टीरियल, मेटाबोलिज्म वृद्धि कारक, थर्मोजेनिक एजेंट है। सूजन कम करने के साथ बाहरी संक्रमण से बचाती है।
दाल चीनी : एंटीऑक्सीडेंट, ऊतकों की मरम्मत करने व कोलेस्ट्रॉल कम करने के गुण हैं।
चिकित्सकों की राय में
- अगर आयुष काढ़ा में गिलोय, कालमेघ, नागर मोथा भी शामिल किया जाए तो यह और कारगर होगा। तुलसी का एंटी वायरल, अश्वगंधा के फाइटो केमिकल, गिलोय का टीनोकार्डिओसाइड कोरोना से बचाव करते हैं। इन सभी प्राकृतिक औषधियों में शोथ हर (सूजन कम करने ), ज्वर नाशक (बुखार खत्म करने) और संक्रमण समाप्त करने में सहायक हैं। -डॉ. निरंकार गोयल, पूर्व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी।
- शासन के आदेश के बाद से कोरोना मरीजों को सुबह-शाम नियमित आयुष काढ़ा दिया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। मरीजों में तेजी से रिकवरी हो रही है। -प्रो. रिचा गिरि, प्रमुख अधीक्षक, हैलट।