पीड़ित तुषार के मुताबिक इस जमीन के एक हिस्से का हस्तांतरण पूर्व में वीरेंद्र दुबे की कंपनी के हक में उसके चाचा विजय शंकर गुप्ता कर चुके थे, लेकिन उसमें तुषार के पिता को हिस्से की रकम नहीं दी गई।
कानपुर के नौबस्ता क्षेत्र में जमीन कब्जाने के विवाद में घिरे डीएवी कॉलेज के पूर्व मंत्री व भाजपा नेता वीरेंद्र दुबे, उनकी पत्नी सरोज दुबे, बेटी अपर्णा दुबे व तीन अज्ञात के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का एक और मामला दर्ज किया गया है। इस मामले को दर्ज कराने वाला पक्ष वही है, जिसका अपने रिश्तेदारों से पैतृक संपत्ति का विवाद था और इसी विवाद को सुलझाने के नाम पर दुबे ने जमीन उनकी फर्म को बेचने के लिए चेक दिए थे।
इस पक्ष ने भी दुबे पर फर्जी चेक देने और जमीन को बेचने का आरोप लगाया है। पुलिस ने अब इस मामले में भी जांच शुरू कर दी है। फीलखाना के घुमनी बाजार निवासी तुषार गुप्ता के मुताबिक उनका पैतृक संपत्ति को लेकर चाचा संजय गुप्ता से पारिवारिक विवाद था। इसका मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है। तुषार का कहना है कि पारिवारिक विवाद की जानकारी राधे होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों वीरेंद्र दुबे को हुई। उन्होंने पारिवारिक विवाद खत्म कराने की बात कही।
पैसे नहीं मिले, जमीनें बेचने का काम शुरू हो गया था
साथ ही तुषार के सामने शर्त रखी कि समझौते के बाद वह अपने हिस्से की जमीन उनकी कंपनी को बेच दे। तुषार के मुताबिक इस जमीन के एक हिस्से का हस्तांतरण पूर्व में वीरेंद्र दुबे की कंपनी के हक में उसके चाचा विजय शंकर गुप्ता कर चुके थे, लेकिन उसमें तुषार के पिता को हिस्से की रकम नहीं दी गई। बकौल तुषार, वीरेंद्र ने पिता और चाचा के बीच एक धनराशि के तहत समझौता करा दिया। इसमें 25 लाख के चेक दिए गए और बाकी पैसा समझौता हो जाने के बाद देने की बात कही गई। हालांकि पैसे नहीं मिले, जबकि जमीनें बेचने का काम शुरू हो गया था।