उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रामनवमी के पावन अवसर पर हालात कुछ तनावपूर्ण हो गए। शहर के कुछ इलाकों में विरोध प्रदर्शन, पथराव और पुलिस पर नाराजगी देखने को मिली। ब्रह्मदेव चौराहे पर हिंदू संगठनों द्वारा ज़ोरदार प्रदर्शन किया गया, जिसमें “मोदी-योगी मुर्दाबाद” के नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें भी सामने आई हैं।
ब्रह्मदेव चौराहे पर प्रदर्शन और नारेबाजी
ब्रह्मदेव चौराहे पर हिंदू संगठनों ने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आरोप है कि रामनवमी के अवसर पर शोभायात्रा को रोका गया या उसकी सुरक्षा में लापरवाही बरती गई। इसी नाराजगी के चलते प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति उस समय बिगड़ गई जब पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
शोभायात्रा पर पथराव का आरोप
मूलगंज थाना क्षेत्र में रामनवमी की शोभायात्रा पर पथराव होने की खबर सामने आई है। विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने आरोप लगाया कि यात्रा पर जानबूझकर हमला किया गया। वहीं, पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मौके पर पुलिस फोर्स मौजूद थी और अब तक ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। डीसीपी श्रवण कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस पर जूता फेंका गया, माहौल बिगाड़ने की कोशिश
जानकारी के अनुसार, शोभायात्रा के दौरान किसी अराजक तत्व द्वारा पुलिस बल पर जूता फेंका गया। इस घटना को माहौल बिगाड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लेने की कोशिश की, लेकिन जब एक युवक को बिना नंबर की गाड़ी में ले जाया जा रहा था, तब भीड़ ने हस्तक्षेप कर उसे छुड़वा लिया। यह घटना रावतपुर थाना क्षेत्र में घटी।
लाउडस्पीकर विवाद और सोशल मीडिया पर नाराजगी
रामनवमी के अवसर पर लाउडस्पीकर और शोभायात्रा को लेकर विवाद की स्थिति बनी रही। कानपुर के मस्वानपुर और अन्य क्षेत्रों में पारंपरिक शोभायात्रा नहीं निकल सकी, जिससे लोगों में नाराजगी देखी गई। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन खासकर डीसीपी पश्चिम आरती सिंह के खिलाफ पोस्टर और टिप्पणियां साझा कीं। कुछ पोस्टरों में लिखा गया, “आपकी वजह से पारंपरिक शोभायात्रा नहीं निकल सकी, धन्यवाद आरती सिंह।”
एक युवक ने कानपुर पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रशासन की उदासीनता ने धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात किया है। वहीं पुलिस प्रशासन ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में बताया है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए और शांति बनाए रखी जाए। मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।