कानपुर में 6000 करोड़ की डिफाल्टर श्री लक्ष्मी कॉटसिन पर सीबीआई टीम ने छापेमारी की है। कृष्णापुरम स्थित मुख्यालय और मलवां स्थित प्लांट्स में सीबीआई टीम जांच कर रही है। वहीं एमडी एमपी अग्रवाल एस्कॉर्ट्स अस्पताल में पत्नी का इलाज करा रहे हैं
श्रीलक्ष्मी कॉटसिन का मुख्यालय कृष्णापुरम में है और प्लांट फतेहपुर, हरियाणा, नोएडा, उत्तराखंड में हैं। तीन साल पहले डिफाल्टर घोषित श्रीलक्ष्मी कॉटसिन के अधिग्रहण के लिए दो विदेशी कंपनियों से बात चल रही थी लेकिन उनके इनकार के बाद महाराष्ट्र की नामी कंपनी वेलस्पन ने रुचि जताई। यहां भी बात नहीं बनी।
रोटोमैक ग्लोबल और फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के बाद श्रीलक्ष्मी कॉटसिन कानपुर की तीसरी कंपनी है लेकिन डिफाल्ट होने वाली रकम के मामले में सबसे बड़ी कंपनी है। 1993 में कानपुर में श्रीलक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड की नींव डाली गई। शुरुआत में बुलेटप्रूफ जैकेट्स के अलावा कई प्रतिरक्षा उत्पाद बनाए। ब्लास्टप्रूफ वाहन बनाए। 2005-06 में कंपनी डेनिम कपड़े के उत्पादन में उतरी। इसके लिए बैंकों से करीब 85 करोड़ रुपए का लोन लिया गया। काम सफल रहा तो रुड़की और हरियाणा में भी यूनिटें लगाई गईं। 2006 में कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता दोगुनी कर दी। 2010 में टेक्निकल टेक्सटाइल के उत्पादन के लिए सेंट्रल बैंक से 693 करोड़ रुपए, इक्विटी बाजार से 200 करोड़ और अपनी तरफ से 100 करोड़ रुपए के निवेश का खाका तैयार किया।