अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर की मदद से अमेरिकी नागरिकों से साइबर ठगी करने वाले जसराज के पेन ड्राइव से क्राइम ब्रांच को पांच हजार अमेरिकी नागरिकों का डाटा मिला है। इसपर कानपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूरा डाटा सीबीआइ को भेज दिया है और सीबीआइ की मदद से अमेरिकी एजेंसी एफबीआइ से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों काकादेव में संचालित अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर में चलने वाले साइबर ठगी के धंधे का भंडाफोड़ किया था। यह गिरोह काल सेंटर की आड़ में अमेरिकी नागरिकों के कम्प्यूटर सिस्टम को रिमोट एक्सिस पर लेकर उसमें वायरस और माल वेयर डालने का काम करता था। इसके जरिए गिरोह ने करीब 12 हजार अमेरिकियों के 12 लाख डालर यानि आठ से नौ करोड़ रुपये उड़ा दिए थे। पुलिस कॉल सेंटर पर छापा मारकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुनींद्र शर्मा, सूरज, संजीव और जिकुरल्ला को गिरफ्तार किया था। मुनींद्र से पूछताछ के बाद गिरोह के सरगना जसराज को गिरफ्तार किया था। जसराज कई महंगी गाड़ियों से चलता था और अक्सर कानपुर आता था। पुलिस ने उसे कानपुर आने पर दबोच लिया था। उसके संबंध अमेरिका के एक व्यक्ति और कनाडा की महिला से भी थे। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने कोर्ट से जसराज को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। उसे दिल्ली स्थित घर ले जाया गया था, जहां से पुलिस टीम ने एक पेन ड्राइव को कब्जे में लिया था।
डीसीपी अपराध सलमान ताज पाटिल ने बताया कि पेन ड्राइव में पांच हजार अमेरिकी नागरिकों का डाटा मिला है। जिसमें अधिकतर के डेबिट व क्रेडिट कार्ड के सीवीवी (कार्ड वैरीफिकेशन वैल्यू) नंबर समेत पूरा ब्यौरा मिला है। इसके अलावा उपरोक्त नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारियां जैसे नाम, मोबाइल नंबर, पता, जन्म तिथि आदि भी दर्ज हैं। इस नए डाटा को क्राइम ब्रांच ने सीबीआइ को दे दिया है। उनसे अनुरोध किया गया है कि वह अमेरिकी एजेंसी एफबीआइ से संपर्क करें, ताकि अमेरिकी एजेंट टेड एल थामस को गिरफ्तार किया जा सके।