नई दिल्ली। जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है। दरअसल खबर है कि बीजेपी खेमे के पास राष्ट्रपति चुनाव में 54 प्रतिशत वोट हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव जीतने में बीजेपी खेमे को कोई खास परेशानी होने वाली नहीं है।
एक अंग्रेजी अखबार ने बीजेपी सूत्र के हवाले से लिखा है कि एनडीए को इस चुनाव में 54 फीसदी वोट हासिल करने का भरोसा है। बीजेपी को यकीन है कि तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और तमिलनाडु में एआईएडीएमके के वोट उसके उम्मीदवार के हक में पड़ेंगे।
एक बीजेपी नेता ने अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया कि डीएमके के कांग्रेस को समर्थन देने और सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई मीटिंग में शामिल होने के बाद एआईएडीएमके का वोट हमें मिलना तय हो गया है।
आपको बता दें कि सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव पर रणनीति को लेकर विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में आम राय बनी कि विपक्ष के उम्मीदवार के ऐलान से पहले एनडीए खेमे के अगले कदम का इंतजार किया जाएगा।
हालांकि इस मीटिंग में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेडी नेता नवीन पटनायक समेत कई अहम नेता शामिल नहीं हुए थे। बीजेपी नेता ने कहा कि विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस की मुहिम दिलचस्प है। भ्रष्टाचार में फंसे लालू प्रसाद और कणिमोझी जैसे नेताओं को छोड़कर शुक्रवार की मीटिंग से विपक्ष को कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 10,98,882 वोट होते हैं। जीत के लिए कम से कम 5,49,442 वोट जरूरी हैं।
एनडीए के पास 23 पार्टियों के सांसद और राज्यों की विधान सभाओं/विधान परिषदों के सदस्यों को मिलाकर राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित इलेक्टोरल कॉलेज में तकरीबन 48.64 फीसदी वोट हैं। बीजेपी 5 लाख 32 हजार 19 मगर इनमें से करीब 20 हजार कीमत के वोट एनडीए की सहयोगी पार्टियों के हैं।
वहीं योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और पर्रिकर के इस्तीफे रुकवाकर बीजेपी ने 2100 वोटों की कमी पूरी कर ली है। देश के 29 राज्यों में से भाजपा 12 पर काबिज है। भाजपा को मिलाकर एनडीए 15 राज्यों पर काबिज है।
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