कार्तिगाई दीपम पर शुभ एवं साध्य समेत बन रहे हैं 5 अद्भुत संयोग

धार्मिक मत है कि मासिक कार्तिगाई के दिन भगवान शिव एवं कार्तिकेय की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है। साथ ही कुंडली में सभी शुभ ग्रह मजबूत होते हैं। वहीं अशुभ ग्रहों का प्रभाव खत्म होता है। भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होता है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 09 January 2025) जानते हैं-

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी गुरुवार 09 जनवरी को मासिक कार्तिगाई है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। अतः प्रातः काल से मंदिरों में भगवान शिव और कार्तिकेय जी की पूजा की जा रही है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जा रहा है। इस व्रत को करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

पौष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी एवं एकादशी तिथि पर साध्य एवं शुभ योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 09 January 2025)

सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 42 मिनट पर

चंद्रोदय- दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 03 बजकर 38 मिनट पर

शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 39 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक

अशुभ समय
राहुकाल – दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से 03 बजकर 05 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 52 मिनट से 11 बजकर 10 मिनट तक

दिशा शूल – दक्षिण

अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुंभ

शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो मासिक कार्तिगाई पर्व पर साध्य और शुभ समेत रवि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग है। वहीं, गर एवं वणिज करण के शुभ संयोग हैं। इन योग में भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से साधक को मनचाहा वर मिलेगा। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।

इन मंत्रो का करें जप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा

देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।

‘देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥’

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो नन्दिः प्रचोदयात् ||

ॐ शिववाहनाय विद्महे तुण्डाय धीमहि, तन्नो नन्दी: प्रचोदयात!

‘ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात’।

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