कार्ति चिदंबरम का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. कार्ति की गिरफ्तारी मामले में कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर इसका जवाब देने के लिए 2 दिन की मोहलत दी है. दूसरी ओर उनके वकील का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है.
चीफ जस्टिस की बेंच ने मंगलवार को दोनों जांच एजेंसियों से 2 दिन में कार्ति मामले में जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई अब 8 मार्च को होगी. अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट उन्हें अंतरिम राहत देने की अपील पर विचार करेगा.
कोर्ट ने आज के फैसले में कहा कि इस नोटिस का जांच और किसी भी अदालत में कार्ति के खिलाफ चल रहे मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
हालांकि देश की शीर्ष अदालत ने कार्ति को लेकर जारी समन रद करने की अपील ठुकरा दी. उसने कहा कि आज हम इस मामले में कोई भी अंतरिम आदेश जारी नहीं करेंगे.
इस मामले में कार्ति के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पूरे प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोई एफआईआर ही दर्ज नहीं कराई, ऐसे में उनकी गिरफ्तारी उचित नहीं.
कार्ति की ओर से वकील सिब्बल ने दलील पेश करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने पिता से लिए कर्ज का भुगतानसमुचित तरीके से किया, लेकिन इसे एजंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बना दिया.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया कि कार्ति ने एक नेता को रकम का भुगतान किया गया, जबकि वो नेता तो उनके पिता ही हैं. एजेंसियों ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बना दिया.
दूसरी ओर, अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कार्ति को किसी भी तरह का राहत दिए जाने का विरोध किया, उन्होंने कहा कि कार्ति को राहत दिए जाने दूसरे मुकदमों पर असर पड़ेगा.
कार्ति को पिछले हफ्ते होली से पहले सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था. कार्ति ने सोमवार को ईडी की ओर से जारी समन को रद किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी.
वहीं, सीबीआई पिछले 5 दिनों से कार्ति से पूछताछ कर रही है. आज उनकी रिमांड खत्म हो रही है, अगर सीबीआई हिरासत की अवधि और नहीं बढ़ाने की मांग करती है तो ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.