लखनऊ : कार में बैठे-बैठे ही एक इंटीरियर डिजाइनर को गोली लग गायी और उसको कुछ पता ही नहीं चला। गोली डिजाइनर के पेट लगी है और उसको इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि डिजाइनर को गोली किसी और क्यों मारी? पुलिस का कहना है कि अब घायल डिजाइनर से बात की घटनाक्रम के बारे में पता लगाया जायेगा। सीओ गाजीपुर दिनेश पुरी ने बताया कि मेरठ जनपद निवासी राशिद पेशे से इंटीरियर डिजाइनर और अपने परिवार के साथ गाजीपुर के ए-ब्लाक में किराये के मकान मेें रहते हैं। राशिद के साथ उनका सगा छोटा भाई 28 वर्षीय आमिर भी रहता है। आमिर भी इंटीरियर डिजाइनर का काम करता है। बताया जाता है किबुधवार की देर रात आमिर ने अपने बड़े भाई राशिद को फोन किया और बताया कि उनको गोली लग गयी है। भाई को गोली लगने की बात सुनते ही राशिद अपने मकान से बाहर निकले तो देखा कि आमिर खून से लथपथ घर के बाहर पड़ा था। घर के बाहर आमिर की हाण्डा सिटी कार भी मौजूद थी। राशिद ने फौरन भाई को इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डाक्टरों ने आमिर को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर भेज दिया। राशिद ने इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की सूचना दी। सूचना पाकर गाजीपुर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। छानबीन की गयी तो आमिर की ड्राइविंग सीट पर गोली लगी थी। पुलिस इसके बाद ट्रामा सेंटर पहुंची पर आमिर से पुलिस की बात नहीं हो सकी। सीओ गाजीपुर का कहना है कि आमिर से बातचीत करने के बाद ही पूरे घटनाक्रम का पता चल सकेगा।
कार के अंदर से ही चली गोली
सीओ गाजीपुर ने बताया कि जब आमिर की कार को देख गया तो उसकी ड्राइविंग सीट पर गोली लगने के निशान मिले, पर बाहर की तरफ से कार पूरी तरह सही थी। इससे आशंका है कि आमिर को गोली कार के अंदर ही लगी। अब यह तय होना बाकी है कि आमिर को किसी ने गोली मारी थी या फिर आमिर को इत्तिफाक से गोली लग गयी। पुलिस को छानबीन में इस बात का पता चला है कि आमिर के पास कोई लाइसेंसी असलहा नहीं है।
घायल ने घटनास्थल को लेकर बदली कई बार जगह
पुलिस का कहना है कि घायल आमिर ने परिवार वालों को घटनास्थल को लेकर कई अलग-अलग बाते बतायी हैं। पहले उसने गोली लगने की बात गोमतीनगर इलाके की बतायी थी। इसके बाद किसी और जगह की। पुलिस का मानना है कि घटना में कुछ पेंच हैं जो आमिर को ही पता हैं। इसलिए अब सबकुछ आमिर से बातचीत पर ही निर्भर है।