कुंभ मेले के मद्देनजर शहर के तमाम चौराहों का चौड़ीकरण किया जाना है। इसी कड़ी में बुधवार की देर रात एडीए के दस्ते ने मंदिर का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त कर दिया। हालांकि एडीए अफसरों का दावा है ध्वस्तीकरण के पूर्व मंदिर में विराज प्रतिमाओं को एक दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया गया था। इसके बाद ही वहां ध्वस्तीकरण चला। देर रात हुई कार्रवाई की जानकारी लोगों को सुबह हुई। सुबह से ही चौराहे पर पर लोग एकत्र होने लगे। पहले दिन में कुछ देर के लिए चक्काजाम किया गया। बाद में शाम होते-होते चौराहे पर लोगों की काफी भीड़ एकत्र हो गई। रात नौ बजे के आसपास मंदिर तोड़े जाने से नाराज लोगों ने सड़क पर मलबा रखकर आवागमन ठप कर दिया।
इससे वहां वाहनों की लंबी कतारें लग गई। इस दौरान लखनऊ जा रही एक एसी बस पर पथराव भी किया गया। राहत भरी बात यह रही कि बस में बैठे यात्रियों को इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचा। जबकि इसी चौराहे पर पुलिस चौकी भी है। बाद में सीओ बैरहना समेत तमाम पुलिस कर्मी पहुंच गए। यहां स्थानीय लोग पुलिस से ही उलझ गए। रात में दस बजे के आसपास किसी तरह से पुलिस ने लोगों को समझाबुझाकर शांत किया। इस बारे में एडीए के जोनल अफसर आलोक पांडेय का कहना है कि पूर्व में मंदिर में रखी प्रतिमाओं को दूसरे स्थान पर पूजन अर्चन के साथ स्थापित कर दिया गया था। इसके बाद ही कार्रवाई की गई।
बैरहना चौराहा स्थित काली मंदिर के ध्वस्तीकरण पर विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने खासी नाराजगी जाहिर की है। विहिप के प्रांत संगठन मंत्री मुकेश ने कहा कि इलाहाबाद से योगी सरकार में तीन-तीन कैबिनेट मंत्री है। फिर भी हिंदुओं के धार्मिक स्थल को तोड़ा जा रहा है। इसके विरोध में शुक्रवार को 11 बजे जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा। जिला प्रवक्ता अश्विनी मिश्र ने कहा कि विहिप की मांग है कि दुबारा उसी स्थान पर काली मंदिर का निर्माण किया जाए। अन्यथा विहिप आंदोलन को बाध्य होगी।
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