नई दिल्ली : कालेधन पर कारवाई के लिए सरकार एक और कदम उठाने जा रही है। सरकार उन कागजी कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग में ऐक्टिव होने का शक है। ऐसी कंपनियों की संख्या 6 से 7 लाख तक हो सकती है।
– इनमें से कई कंपनियों ने बड़ी ट्रांजैक्शंस की हैं और नोटबंदी के बाद बैंकों में बड़े पैमाने पर कैश जमा कराया है।
– देश में करीब 15 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं, जिनमें से 40 फीसदी फर्म्स संदेह के दायरे में हैं।
– केंद्र सरकार ने ऐसी कंपनियों की जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड समेत कई एजेंसियों की जिम्मेदारी दी है।
– केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का मानना है कि इन 6 से 7 लाख कंपनियों का पंजीकरण खत्म किए जाने के बाद सांस्थानिक मनी लॉन्ड्रिंग की व्यवस्था को खत्म किया जा सकेगा।