17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नमो घाट और यहां बनकर तैयार तीन हेलिपोर्ट के लोकार्पण के बाद उड़ान सेवा को भी हरी झंडी मिल जाएगी।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही काशी से अयोध्या के बीच हवाई सफर की शुरुआत हो जाएगी। 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नमो घाट और यहां बनकर तैयार तीन हेलिपोर्ट के लोकार्पण के बाद उड़ान सेवा को भी हरी झंडी मिल जाएगी। इसके लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर काशी दर्शन के साथ अयोध्या और प्रयागराज हवाई मार्ग से भी जुड़ जाएंगे। हेलिकॉप्टर सेवा की शुरुआत होने के साथ काशी से अयोध्या की 220 किलोमीटर की दूरी महज 40 मिनट में पूरी होगी।
देवाधिदेव महादेव के दर्शन के बाद अयोध्या में विराजमान रामलला के दर्शन की राह भी जनवरी से सुगम हो जाएगी। देश में केदारनाथ, चार धाम समेत तमाम धार्मिक स्थलों की तर्ज वाराणसी में भी हेली सेवा की तैयारियां चल रही हैं। निजी एविएशन कंपनियों के साथ हेली सेवा का अनुबंध कर उन्हें अवसर दिया जाएगा।
इसके लिए बॉन्ड के अनुसार किराया भी तय किया जाएगा। निजी हेली कंपनियां सैलानियों को बनारस की सैर कराएंगी तो पर्यटकों को काशी से अयोध्या ले जाएंगी। इसके लिए नमो घाट पर तीन हेलिपैड बनकर तैयार हो गए हैं। इनमें दो पक्के और एक कच्चा इमरजेंसी हेलिपैड तैयार किया गया है। यहां एक साथ तीन हेलिकॉप्टर उतर सकेंगे।
इसके अलावा बाबतपुर एयरपोर्ट से भी अयोध्या के लिए नई हेली सर्विस शुरू की जाएगी। वाराणसी के एक छोर पर नमो घाट पर निर्माण और फिनिशिंग का काम तेजी से जारी है। घाट पर कार्य अवधि भी 30 दिसंबर को पूरी हो रही है। इससे पहले 17 दिसंबर को घाट स्मार्ट सिटी को सौंपने की तैयारी चल रही है। घाट पर बनाए गए दो पक्के और एक कच्चा हेलिपैड बनाकर उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा पूरे क्षेत्र को फाइनल टच देने के साथ सैलानियों के आकर्षण के तमाम इंतजाम किए गए हैं।
नमो घाट के फेज-2 में तीन हेलीपोर्ट बनाए गए हैं और यहां से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की योजना है। शासन स्तर पर इसके प्रस्ताव की मंजूरी के बाद सभी निर्णय किए जाएंगे।