कासगंज उपद्रव के बाद बरेली डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह द्वारा फेसबुक पर किए गए एक पोस्ट ने प्रदेश सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। उन्होंने कासगंज घटना की पृष्ठभूमि में कारण माने जा रहे नारेबाजी प्रकरण को केंद्रबिंदु में रखकर 28 जनवरी को विचार साझा किए। हालांकि, महज 39 शब्दों के पोस्ट से विवाद उत्पन्न हो गया। फिर भी उन्होंने माना-यह उनके निजी विचार हैं। खास बात यह है कि पूर्व सैन्य अधिकारी रहे आइएएस राघवेंद्र विक्रम सिंह इसी साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
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डीएम ने यह पोस्ट कासगंज में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर हुए विवाद के दो दिन बाद 28 जनवरी की शाम को आर विक्रम सिंह नाम से बने अपने फेसबुक पेज पर डाली। पोस्ट में यात्रा निकालने के लिए मार्ग चुनने और फिर वहां पर नारेबाजी की बात को लिखा है। पोस्ट फेसबुक पर साझा होते ही इसके पक्ष और विरोध में तमाम लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सोमवार रात तक साढ़े तीन सौ से अधिक लोगों ने इसे लाइक किया तो 422 लोगों ने उनके पोस्ट के बाद अपने कमेंट लिखे।
लखनऊ में सरकार तक पहुंची बात
सोशल मीडिया की सक्रियता के चलते सोमवार को राजधानी लखनऊ में नौकरशाहों और सियासी गलियारे में भी बरेली डीएम की यह पोस्ट चर्चा में आ गई। डीएम के पेज से लखनऊ में मौजूदा समय में तैनात तमाम सीनियर अफसर भी जुड़े हुए हैं।
पोस्ट में यह लिखा
‘अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मुहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ। मुकदमे लिखे गए…
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