कासगंज हिंसा में मारे चंदन के परिवार का CM योगी के खिलाफ प्रदर्शन, मांगा शहीद का दर्जा

उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के परिवार वाले अब उसे शहीद का दर्जा दिलाने की मांग के साथ CM योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदर्शन पर उतर आए हैं. चंदन के परिवार वालों की मांग है कि राज्य सरकार चंदन को शहीद का दर्जा दे.

चंदन की शुक्रवार को भड़की हिंसा में मौत हो गई थी. विरोध प्रदर्शन में शामिल चंदन की मां ने आजतक से बातचीत में कहा कि उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मामले में ऐक्शन लेना चाहिेए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक इस संबंध में कुछ नहीं किया है. दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.

विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘योगी मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए गए. गौरतलब है कि शनिवार को परिवार वालों ने शहीद घोषित किए जाने की मांग करते हुए चंदन का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. लेकिन CM द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. हालांकि इसके बाद भी कासगंज में हिंसा थमी नहीं और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है.

तीन दिन से हिंसा की आग में झुलस रहा उत्तर प्रदेश का कासगंज छावनी में तब्दील हो चुका है. कासगंज में दो दिन से कर्फ्यू लगा हुआ है और बीती रात से इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं. बावजूद इसके रविवार को फिर से उपद्रवियों ने तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की वारदातों को अंजाम दिया. अब पुलिस ने भी खास इंतजाम करते हुए उपद्रवियों और अराजक तत्वों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है.

इस बीच आजतक से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कासगंज हिंसा पर SP सुनील सिंह ने हिंसा की वारदातों के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की इसके पीछे राजनीतिक साज़िश हो सकती है.

तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों ने की थी भड़काऊ नारेबाजी

SP सुनील सिंह ने साथ ही गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने वाले तत्वों के बारे में भी अहम खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों ने एक खास जगह पहुंचकर कुछ भड़काऊ नारेबाजी की, जिसके चलते झगड़ा शुरू हुआ और हिंसा भड़क उठी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा त्वरित कारणों से भड़की, लेकिन उसके बाद फैलाई जा रही हिंसा के पीछे कोई राजनीतिक साजिश है.

ड्रोन से की जा रही कासगंज की निगरानी

कासगंज में हिंसा भड़कान वाले संदिग्ध उपद्रवियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. कासगंज हिंसा की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अलीगढ़ से ड्रोन कैमरा टीम को बुलाया गया है. बिलराम गेट, सोरों गेट, सहावर गेट, नदरई गेट सहित शहर के संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है.

गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान दो गुटों में हुई झड़प के बाद अब भी इलाके में तनाव बना हुआ है. पूरे शहर में धारा 144 लागू करने के साथ ही कई इलाकों और नेटवर्क की इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई हैं. हालांकि हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है.

अब तक 50 गिरफ्तार

मौके का जायजा लेने पहुंचे एटा के DM आरपी सिंह ने बताया कि अब तक हिंसा फैलाने के आरोप में नामजद 9 लोगों सहित अब तक कुल 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आरपी सिंह ने कहा कि इन सबके पीछे कुछ लोग हैं, हमने उनमें से कुछ की पहचान कर ली है. उन्होंने बताया कि रविवार को हुई हिंसा की किसी घटना में एक भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ है. उनका कहना है कि इस सबके पीछे साजिश हो सकती है, हालांकि मुझे इस बारे में नहीं मालूम है.

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