कासगंज। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बवाल और हिंसा के बाद वहां की स्थिति की रिपोर्ट योगी सरकार आज गृह मंत्रालय को सौंपेगी। वहीं, योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कासगंज हिंसा की जांच एसटीएफ को सौंप दी है। फिलहाल, कासगंज में शांति है। लेकिन, अभी भी कासगंज के कई इलाकों में तनाव पसरा हुआ है। 
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने कासगंज जिले की स्थिति पर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है, जिसे योगी सरकार आज गृह मंत्रालय को सौंपेगी। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांग कर पूछा है कि प्रदेश सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए।
यहां गणतंत्र दिवस पर एक युवक की हत्या होने के बाद हिंसा फैल गई थी। युवक की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ ने तीन दुकानों, दो बसों और एक कार में आग लगा दी थी। जिला प्रशासन ने कहा कि उसने जिले में तनाव कम करने के लिए कई कदम उठाए। राज्य सरकार ने जिले के पुलिस अधीक्षक को हटा दिया है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए जिले के संवेदनशील स्थानों पर पुलिस के अलावा दंगारोधी द्रुत कार्य बल को भी तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और अराजकता फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
मुख्य 3 आरोपी भगोड़ा घोषित
पुलिस ने हिंसा के आरोप में 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। चंदन की हत्या के आरोप में 20 नामजद लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है। 5 नामजद और 6 अज्ञात समेत 11 की गिफ्तारी हो चुकी है। 15 नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। मंगलवार को मुख्य आरोपी सलीम, वसीम और नसीम के घर पर पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए आदेश चिपका दिया है। नोटिस में लिखा है चंदन की हत्या के मुख्य आरोपी तीनों भाई सलीम,नसीम और वसीम अगर एक मार्च तक कोर्ट में नहीं हाजिर हुए तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
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