किडनी हमारे शरीर में कई जरूरी फंक्शन करती है, जैसे वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालना, बॉडी फ्लूड बैलेंस और ब्लड फिल्टर करना। इसलिए किडनी का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है। हालांकि, हमारी लाइफस्टाइल और डाइट के कारण अनजाने में हम कई बार अपनी ही किडनी को नुकसान पहुंचा रहे होते हैं।
दरअसल, किडनी में छोटे-छोटे फिल्टरिंग यूनिट्स नेफ्रॉन होते हैं। जब ये डैमेज होने लगते हैं, तो किडनी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाती। इसे नेफ्रॉसिस कहा जाता है। यह कोई बामारी नहीं है, बल्कि एक टर्म है, जो किडनी डैमेज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर समय पर इसकी पहचान न की जाए, तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है। आइए जानें किन लक्षणों के कर सकते हैं किडनी डैमेज की पहचान।
नेफरोसिस के लक्षण कैसे होते हैं?
यूरिन में ज्यादा प्रोटीन- यह नेफरोसिस का सबसे अहम लक्षण है। जब मूत्र में प्रोटीन की मात्रा सामान्य से बहुत ज्यादा हो जाती है, तो इसे प्रोटीन्यूरिया कहते हैं। इसके कारण यूरिन झागदार दिखाई दे सकता है।
ब्लड में प्रोटीन की कमी- क्योंकि प्रोटीन मूत्र के साथ बाहर निकल रहा होता है, इसलिए ब्लड में प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है, खासकर एल्ब्यूमिन।
शरीर में सूजन- ब्लड में प्रोटीन की कमी के कारण, फ्लूड सेल्स के बीच की जगह में रिसने लगता है, जिससे शरीर में सूजन आ जाती है। यह सूजन आमतौर पर पैरों, टखनों और पैर के तलवों में शुरू होती है और बाद में चेहरे खासतौर से आंखों के आसपास, हाथों और पेट में भी दिखाई दे सकती है।
ब्लड में फैट बढ़ना- किडनी डैमेज के कारण लीवर में कोलेस्ट्रॉल और अन्य फैट वाले प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जिससे ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
वजन बढ़ना- शरीर में एक्स्ट्रा फ्लूएड और पानी जमा होने के कारण व्यक्ति का वजन अचानक से बढ़ सकता है।
थकान और कमजोरी- शरीर में प्रोटीन और एनर्जी की कमी के कारण व्यक्ति को लगातार थकान, सुस्ती और कमजोरी महसूस होती है।
भूख कम लगना- भूख न लगना या जल्दी पेट भर जाना भी एक सामान्य लक्षण है।
अन्य लक्षण- यूरिन की मात्रा कम होना, हाई ब्लड प्रेशर, इन्फेक्शन का खतरा बढ़ना और कुछ मामलों में यूरिन में ब्लड आना।
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