पहले दिल्ली गैंगरेप ने दहलाया तो अब रोहतक गैंगरेप हमारे सामने है। आखिर इसका जिम्मेवार कौन है? ऐसी घटनाओं ने देश को शर्मसार कर रखा है। देश में अपनी बहू बेटियां ही सुरक्षित नहीं हैं, दुनिया की बेटियां कैसे रहेंगी। वे तो देश आने का नाम ही नहीं लेंगी।
इन दिनों पुद्दुचेरी की राज्यपाल का पद संभाल रही किरण बेदी ने कहा है कि ‘बेटी बचाओ अपनी अपनी’ नया नारा होना चाहिए।
किरण बेदी ने कहा कि हरियाणा में बलात्कार के साथ क्रूर हत्या जैसे मामले तब तक खत्म नहीं होंगे, जब तक कि माता-पिता अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं करते। हर मां बाप एक बेटा चाहते हैं, लेकिन कैसा?
जो उनके भविष्य को सुरक्षित रखता है और समाज के लिए आदर्श बनता है या फिर वो जो सामाजिक नियमों का उल्लंघन करता है और समाज के लिए खतरा बनता है। किरण बेदी ने उन लोगों पर भी निशाना साधा है जो लड़कियों की तुलना में लड़कों को पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के डर से बेटियों को कड़े पहरे में रखा जाता है, जबकि लड़कों को खुद ही ढील दे देते हैं। लड़कियों को घरों में बंद रखा जाता है, लड़कों को खुला छोड़ दिया जाता है। क्योंकि मां बाप को डर लगने लगता है कि रोकने-टोकने पर उनके बुढ़ापे का सहारा बेटा घर छोड़कर चला जाएगा। इसी डर के मारे वे सारी जिंदगी जीते हैं और बेटियों पर जुल्म करते हैं।