किल्लत से जूझ रहे किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर

उत्तर प्रदेश में खाद की किल्लत के पीछे मूल वजह समय पर उपलब्धता न होना और कालाबाजारी मानी जा रही है। हालत यह है कि आधारकार्ड पर खाद देने की व्यवस्था भी फेल हो गई है। सहकारी समितियां एक एकड़ के लिए एक बोरी यूरिया दे रहीं है। इसके लिए आधार कार्ड मांगा जा रहा है। कालाबाजारी करने वाले परिवार व दोस्तों को आधार कार्ड लेकर कतार लगवा देते हैं। फिर एक ही व्यक्ति के पास पांच से 10 बोरी खाद चली जा रही है। कई स्थानों पर सचिवों द्वारा चहेतों को मनमानी तरीके से खाद देने की भी शिकायत मिली है।

इन जिलों में भी खाद को लेकर बवाल
श्रावस्ती : किसानों ने यूरिया की मांग को लेकर भिनगा- बहराइच मार्ग जाम किया। विधायक रामफेरन पांडेय ने समझा बुझाकर रास्ता खुलवाया।
गोंडा : खाद के लिए किसानों ने साबरपुर बाजार में रास्ता जाम किया। खोड़ारे और मसकनवा में नाराजगी जताई। कहा सुबह से लाइन लगाने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है।
सीतापुर : लहरपुर में किसानों ने तहसील परिसर में धरना दिया। नायब तहसीलदार दीनानाथ यादव को ज्ञापन दिया। समिति में यूरिया होने के बाद भी वितरण नहीं करने का आरोप लगाया।
सुल्तानपुर : द्वारिकागंज के पीसीएफ गोदाम कटका पर सुबह से किसान लाइन लगाए रहे। करीब 400 बोरी यूरिया का वितरण किया गया। अन्य को लौटा दिया गया।
बलरामपुर : गन्ना निरीक्षक नरेंद्र सिंह ने बताया कि गैसड़ी सहकारी समिति पर 400 बोरी यूरिया का स्टॉक मौजूद है, लेकिन पुलिस बल नहीं होने की वजह से वितरण नहीं हो पा रहा है।
अंबेडकरनगर : समितियों पर 1627 मीट्रिक टन यूरिया पहुंच गई है। मशीन में डीडी कोड नहीं होने से वितरण नहीं हो पाया।
अमेठी : बाजारशुकुल के दक्खिन गांव क्यार की समिति पर तीन दिन से वितरण ठप है। ऐसे में यहां पहुंचने वाले किसान नारेबाजी करते रहे।
बहराइच : बाबागंज स्थिति समिति पर सोमवार सुबह यूरिया वितरण शुरू हुआ। 256 बोरी यूरिया बांटी गई। अन्य किसानों को लौटा दिया गया।

पूर्व विधायक ने जिला प्रशासन पर लगाया आरोप
बलरामपुर गैसड़ी के पूर्व विधायक शैलेश कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की नाकामी की वजह से खाद की कालाबाजारी करके नेपाल भेजा जा रहा है। सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। मीडिया को जारी पत्र में खाद के मुद्दे पर जिलाधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बताया कि समितियों पर पांच सौ लोगों की लाइन लगी रहती है, जबकि खाद 100 से 250 बोरी ही बांटी जा रही है। प्राइवेट डीलरों का भी शोषण किया जा रहा है, जिससे समितियों पर किसानों की लाइन बढ़ती जा रही है।

कृषि मंत्री ने किया औचक निरीक्षण, कालाबाजारी पर चेताया
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सिद्धार्थनगर में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करके खाद वितरण की समीक्षा की। चेतावनी दी कि यूरिया की कालाबाजारी हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सहकारी समिति बर्डपुर, पकड़ी नौनियां और महराजगंज की महुआवा का औचक निरीक्षण किया। किसानों से बातचीत करके खाद खरीदने का मूल्य पूछा। इसी तरह उन्होंने रानीगंज सहित कई निजी दुकानों और गोदामों का भी निरीक्षण किया। जहां वितरण व्यवस्था दुरुस्त पाई गई।

16.16 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध
कृषि उपनिदेशक (खाद) डा. आशुतोष मिश्र ने बताया कि प्रदेश में 18अगस्त को 16.16 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। इसमें यूनिरया 6.21, डीएपी 3.81 लाख, एनपीके 3.02, एमओपी 0.64, एसएसपी 2.48 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब 15 फीसदी ज्यादा खाद बांटी जा चुकी है। सरकारी एवं निजी दुकानों पर खाद उपलब्ध है। विभिन्न कंपनियों की करीब पांच रैक अलग- अलग जिलों में तीन दिन के अंदर पहुंच जाएगी।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com