लखनऊ : अपनों से अपनों की बात ज्यादा असरदार होती है। इसी नाते योगी सरकार खेतीबाड़ी के उन्नत तौर-तरीकों के जरिए किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रगतिशील किसानों की मदद लेगी। किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर होने वाले किसान मेलों और किसान गोष्ठियों में यही प्रगतिशील किसान बाकी किसानों को अपनी सफलता के बारे में बताएंगे।
सरकार को उम्मीद है कि उनकी कहानी से प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी बेहतर करके खुशहाल होंगे। इसके लिए कृषि विभाग हर जिले से रोलमॉडल के रूप में 100 प्रगतिशील किसानों का चयन करेगा। 6 जनवरी से 350 ब्लाकों पर आयोजित होने वाले किसान कल्याण मिशन के कार्यकमों में अपनी बात रखने के लिए इनको मंच देने के साथ सम्मानित भी किया जाएगा। सरकार इन सबका डाटाबेस भी तैयार करेगी।
महिला किसानों की सहभागिता पर जोर
महिलाओं के सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए सरकार शारदीय नवरात्रि से मिशन शक्ति अभियान चला रही है। कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के अनुसार एक्सपोजर न मिलने के मद्देनजर मिशन किसान कल्याण में महिलाओं की भी पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी। इस बाबत मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
एफपीओ के पदाधिकारियों को दिए जाएंगे प्रमाणपत्र
आयोजन में ब्लॉक स्तर पर गठित फार्मर्स प्रोड्यूसिंग ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) के पदाधिकारी भी आमंत्रित किए जाएंगे। उनको प्रमाणपत्र देने के साथ, उनके लिए मंजूर फॉर्म मशीनरी बैंक,बीज विधायन संयंत्र भी बाटे जाएंगे।
शासन स्तर से होगी मोनिटरिंग
पूरे अभियान की शासन स्तर से मॉनिटरिंग होगी। इसके कृषि विभाग किसान कल्याण माइक्रो साइट बनाएगा। सभी सूचनाएं विभाग के पोर्टल पर डाली जाएंगी। सूचना विभाग प्रचार के हर माध्यम पर इस आयोजन का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराएगा। जिलेवार ये सूचना भी एकत्र की जाएगी कि अभियान के दौरान कितने किसानों से संपर्क किया गया, कितनों से वार्ता हुई। सम्बंधित किसानों के मोबाइल/व्हाट्सएप नंबर भी एकत्र किए जाएंगे।
शासन स्तर से एपीसी करेंगे अभियान का संचालन
अभियान के संचालन के लिए शासन स्तर पर एपीसी (कृषि उत्पादन आयुक्त ) की अद्यक्षता में एक समिति गठित होगी। इसमें आयोजन से जुड़े सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव इसके संयोजक होंगे। मीडिया का एक प्रतिनिधि भी समिति में शामिल होगा।